नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में दोषी के वकील की वह याचिका खारिज अदालत ने कर दी है, जिसमें कहा गया था कि तिहाड़ जेल दस्तावेज नहीं सौंप रहा है। अभियोजन पक्ष ने अदालत को सूचित किया कि तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने दोषियों के वकील द्वारा मांगे गए सभी संबंधित दस्तावेज उन्हें पहले ही मुहैया करा दिए हैं। इस पर दिल्ली की एक अदालत ने कहा कि इस मामले में आगे किसी दिशा-निर्देश की आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी है।
अभी तक नहीं मुहैया कराए हैं दस्तावेज
दायर याचिका में तीनों दोषियों के संयुक्त वकील एपी सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट में कहा कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने अभी तक उन्हें दोषी पवन, अक्षय और विनय के दस्तावेज मुहैया नहीं कराए हैं। इसलिए क्यूरेटिव पिटीशन और राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने में देरी हो रही है।
वकील ने कहा, याचिकाएं दायर करने के लिए चाहिए दस्तावेज
निर्भया मामले में तीन दोषियों की ओर से पेश वकील एपी सिंह ने शुक्रवार को अदालत का रुख करते हुए आरोप लगाया था कि तिहाड़ जेल के अधिकारी कुछ दस्तावेज नहीं दे रहे हैं। इसलिए वे दया तथा सुधारात्मक याचिकाएं दायर नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि दोषी विनय कुमार शर्मा (26) के लिए दया याचिका और अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन सिंह (25) के लिए सुधारात्मक याचिकाएं दायर करने जरूरी दस्तावेज जेल ने अभी तक नहीं दिए हैं।
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1 फरवरी को सुबह छह बजे चारों को होनी है फांसी
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दो अन्य दोषियों विनय और मुकेश सिंह (32) की सुधारात्मक याचिकाएं खारिज कर दी थीं। राष्ट्रपति ने इस महीने की शुरुआत में मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी थी। अदालत के आदेश के अनुसार, सभी चारों को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी होनी है। काफी कोशिश के बाद के मैं अपने मुवक्किल से मिल पाया वकील एपी सिंह ने ये भी कहा था कि बुधवार को वह अपने मुवक्किलों से मिलने जेल पहुंचे थे। उनका आरोप है कि जेल नंबर तीन में बंद होने के बावजूद काफी कोशिश के बाद उनसे मिलने का मौका मिला।
विलंब करने की तरकीब अपना रहे हैं दोषी: सरकारी वकील
जबकि दिल्ली पुलिस ने शनिवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में मौत की सजा पाए दोषियों के वकील द्वारा मांगे सभी संबंधित दस्तावेज मुहैया करा दिए हैं। पुलिस की ओर पेश हुए सरकारी वकील ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय कुमार जैन को बताया कि दोषी केवल ‘विलंब करने की तरकीब’ अपना रहे हैं।