नई दिल्ली। निर्भया केस के चारों दोषियों की फांसी का दिन आखिरकार तय ही हो गया है। अब इन्हें एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी दी जाएगी। पटियाला हाउस कोर्ट ने नई तारीख का ऐलान किया है।
2012 Delhi gang-rape case: A Delhi court issues fresh death warrant for convicts for 1st February, 6 am pic.twitter.com/hHvXo6Av1d
— ANI (@ANI) January 17, 2020
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा मामले के दोषी मुकेश कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें फांसी की तारीख को 22 जनवरी से टालने की मांग की गयी थी। इससे पहले तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने दिल्ली की अदालत से निर्भया मामले के चारों दोषियों के खिलाफ मौत की सजा पर अमल का फरमान (डेथ वॉरंट) फिर से जारी करने की मांग की थी।
लोक अभियोजक इरफान अहमद ने अदालत को बताया कि मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को खारिज कर दी है। पैरामेडिकल की 23 वर्षीय छात्रा के साथ 16 दिसंबर 2012 की रात को बर्बर सामूहिक बलात्कार की घटना हुई थी। छात्रा की 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में मौत हो गई थी। पहले निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी दी जानी थी, लेकिन दोषियों की दया याचिका लंबित होने से इसमें विलंब हो गया। चारों दोषियों में मुकेश सिंह, अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा और पवन गुप्ता शामिल हैं। एक दोषी ने जेल में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim: Jo mujrim chahte the vahi ho raha hai…tareek pe tareek, tareek pe tareek. Humara system aisa hai ki jahan convict ki suni jaati hai. pic.twitter.com/y3ZdvN52mV
— ANI (@ANI) January 17, 2020
कोर्ट ने दोषियों का नया डेथ वॉरंट जारी किया है। हालांकि दोषियों के वकील मामले को और खींचने की फिराक में हैं। एक दोषी की उम्र को लेकर आपत्ति जताई जा रही है। इसमें कहा जा रहा है कि घटना के वक्त वह बालिग ही नहीं था।
हमारा सिस्टम ऐसा है कि जहां पर दोषियों की सुनी जाती है: निर्भया की मां आशा देवी
निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, जो मुजरिम चाहते हैं वही हो रहा है। तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख। हमारा सिस्टम ऐसा है कि जहां पर दोषियों की सुनी जाती है। निर्भया गैंगरेप मामले में अब एक और दोषी पवन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। मिली जानकारी के अनुसार पवन गुप्ता ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने उसकी नाबालिग होने की याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट ने न केवल पवन की नाबालिग होने की याचिका खारिज कर दी थी। इसके अलावा हाईकोर्ट ने दोषी के वकील एपी सिंह को याचिकाकर्ता के फर्जी आयु प्रमाण लगाने और अदालत का समय बर्बाद करने के लिए फटकार लगाई थी। कोर्ट ने दिल्ली बार काउंसिल को वकील एपी सिंह से 25 हजार रुपये जुर्माना वसूलने और उनके खिलाफ कार्रवाई का आदेश जारी किया था।