लखनऊ। प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में छात्र एवं छात्राओं को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने के लिए संचालित पीएम पोषण योजना (PM Poshan Yojana) के अंतर्गत योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक कुल उपलब्ध राशि का 80 प्रतिशत उपयोग करने में सफलता प्राप्त की है।
पीएम पोषण योजना (PM Poshan Yojana) के तहत केंद्रांश और राज्यांश को मिलाकर कुल 686 करोड़ रुपए से ज्यादा की धनराशि उपलब्ध थी, जिसके सापेक्ष योगी सरकार ने समस्त जनपदों को 12 अक्टूबर तक कुल 667 करोड़ रुपए से ज्यादा की धनराशि आवंटित की। इसमें 12 अक्तूबर तक 540.66 करोड़ रुपए का व्यय किया गया, जो कुल उपलब्ध राशि का 78.82 प्रतिशत है।
मालूम हो कि केंद्र सरकार ने सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में गर्म पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने के लिए‘प्रधानमंत्री पोषण योजना’ (PM Poshan Yojana) को मंज़ूरी दी है। यह योजना स्कूलों में मिड-डे मील योजना के मौजूदा राष्ट्रीय कार्यक्रम का स्थान लेगी।
इसे पांच वर्ष (2021-22 से 2025-26) की शुरुआती अवधि के लिए लॉन्च किया गया है। इसके तहत हाल ही में मुख्य सचिव की अगुवाई में हुई समीक्षा बैठक में योजना से आच्छादित विद्यालयों में अध्ययनरत समस्त छात्रों को अतिरिक्त सप्लीमेन्ट्री न्यूट्रीशन दिए जाने का भी निर्णय लिया गया है।
2024-25 में पीएम पोषण योजना (PM Poshan Yojana) के अंतर्गत खाद्यान्न लागत, परिवर्तन लागत, रसोईयां मानदेय, परिवहन लागत और एमएमई जैसे मदों के लिए पेमेंट अप्रूवल बोर्ड (पीएबी) द्वारा 2198.27 करोड़ रुपए की राशि का अनुमोदन किया गया है। इसके तहत विगत वित्तीय वर्ष का 280.83 करोड़ रुपए अवशेष है, जबकि 405.14 करोड़ रुपए भारत सरकार द्वारा अवमुक्त किया जा चुका है।
इस तरह राज्य सरकार के पास कुल 686.97 करोड़ रुपए योजना के लिए उपलब्ध है। इसी धनराशि में से राज्य सरकार की ओर से समस्त जनपदों को 667.77 करोड़ रुपए की धनराशि 12 अक्तूबर तक आवंटित कर दी गई है तो वहीं जनपदों ने छात्र एवं छात्राओं को पका हुआ गर्म भोजन देने के लिए आवंटित धनराशि में से 540.66 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। राज्य सरकार की ओर से योजना के संचालन के लिए द्वितीय किस्त जारी किए जाने का अनुरोध किया गया है।