लखनऊ डेस्क। नवरात्र के नौ दिन हमें इस बात का भरपूर मौका भी देते हैं। एक तरफ मां की भक्ति हमें मानसिक रूप से प्रबल बनाती है, वहीं दूसरी ओर उपवास हमें अनुशासित करने के साथ ही शारीरिक प्रबलता भी प्रदान करता है। खानपान के मामले में सही चुनाव और सही तरीके अपनाकर इस नवरात्र खुद को हर तरह के विषाक्तों से दूर करें।
व्रत का मतलब सिर्फ अनाज से दूरी बनाना नहीं है। आपको सभी प्रकार के नुकसान करने वाले खानपान से भी बचने की जरूरत है। इस तरीके के खानपान से खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। व्रत के दौरान आपको ज्यादा स्टार्च जैसे आलू, साबूदाना, तला खाना जैसे पूरियां, पकौड़ियां और बहुत ज्यादा मीठा खाना खाने से बचने की जरूरत है।
लो ग्लाइसेमिक फूड देर से पचते हैं और इस वजह से इन्हें खाने के बाद पेट काफी देर तक भरा रहता है। व्रत में सूखे मेवे, हरी सब्जियां, फल, पनीर ज्यादा खाएं। इस दौरान खासतौर पर समा के चावल ज्यादा खाएं। आप इसकी रोटी भी बना सकती हैं या फिर डोसा या इडली भी। आलू की जगह शकरकंद खाएं। इसमें फाइबर अच्छी मात्रा में होता है। फाइबर युक्त खाना खाने से मेटाबॉलिज्म दुरुस्त रहता है। शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है।
व्रत के दिनों में शरीर को पानी की जरूरत ज्यादा होती है। दिन भर में न सिर्फ आठ गिलास पानी पिएं, बल्कि अन्य तरह के तरल पदार्थों जैसे जूस आदि को भी अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं। इसके लिए पानी में नीबू, खीरा, पुदीना या कोई फल डालकर कुछ घंटों के लिए छोड़ दें। पानी में फ्लेवर आ जाएगा।
नवरात्र के व्रत के दौरान आप इंटरमिटेंट फास्टिंग कर सकती हैं। इसमें सोलह बटे आठ का नियम लागू होता है। यानी सोलह घंटे व्रत रखना और आठ घंटों के दौरान खाना। इस डाइट में नाश्ता नहीं करते। पहला खाना दोपहर को खाना है और रात का आठ बजे से पहले। बाकी का पूरा समय बिना कुछ खाए ही बिताना है। सोलह घंटों में आठ घंटे नींद के गुजर जाते हैं। बचे आठ घंटे आपको बिना खाना खाए गुजारने होंगे। दिन के खाने में पनीर, ढेर सारी सब्जियां और फल ले सकती हैं।
मान लीजिए पहला खाना आप 11 बजे खाती हैं, तो 2 बजे कोई जूस या सूप या डीटॉक्स वॉटर पी सकती हैं। इसके बाद शाम 5 बजे कोई फल खा सकती हैं और फिर सात बजे डिनर कर लें।
चीनी यानी प्रोसेस्ड शुगर बेहद नुकसानदेह है। चीनी से दूरी बनाने के लिए नवरात्र सबसे उपयुक्त समय है। आप चीनी तभी लें, जब कमजोरी महसूस हो। मीठा खाना चाहती हैं तो गुड़ की चीनी या गुड़ का सेवन करें। खजूर भी चीनी का एक बेहतर विकल्प है। कोशिश करें, इस दौरान नैचुरल शुगर को अपनाएं। फलों का सेवन और प्रोटीनयुक्त खाना ज्यादा खाने से मीठे से दूरी बनाई जा सकती है। खुद को कम तनाव में रखें, इससे भी आप मीठे से दूर रह सकेंगी। कुछ खास मीठा खाने का मन करने पर एक गिलास पानी पी लें। मीठे की तलब दूर हो जाएगी।
रेस्टोरेंट में अब व्रत की स्पेशल थालियों की खास पेशकश होने लगी है। अगर व्रत का सही लाभ उठाना चाहती हैं तो इस तरह के खाने से बचें। चिकनाई युक्त यह खाना शरीर में विषाक्तों को बढ़ा देगा। इन दिनों घर पर नए-नए प्रयोग कर सकती हैं।
एक मेडिकल रिसर्च रिपोर्ट बताती है कि अच्छी और पर्याप्त नींद दिमाग से विषाक्तों को साफ करती है। दिमाग की कोशिकाएं जिनको ग्लिएल सेल कहते हैं, नींद के दौरान दस गुना तेजी से सक्रिय हो जाती हैं और दिमाग से विषाक्तों को दूर करने का कार्य शुरू कर देती हैं। अच्छी नींद मेटाबॉलिज्म को भी दुरुस्त रखती है, जिससे शरीर से विषाक्तों का खात्मा होता है। नवरात्र के दौरान भीतर से शारीरिक शुद्धि के लिए अपनी नींद से समझौता करना भी बंद करें।
प्रति 250 एमएल पानी में करीब 4 स्ट्रॉबेरी डालकर डीटॉक्स वॉटर तैयार करें। इसे दिन में कभी भी पिया जा सकता है। विटामिन-सी से भरपूर यह पानी मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है, जलन कम करता है और त्वचा की सेहत को भी दुरुस्त करता है।
दिन की शुरुआत खीरे वाले पानी से कर सकती हैं। आपको 2 लीटर पानी में खीरे की चार स्लाइस, आधे संतरे की स्लाइस और चकोतरा की दो स्लाइस मिलाकर पानी तैयार करना होगा। इससे शरीर में मौजूद अतिरिक्त पानी निकल जाता है और मेटाबॉलिजम भी तेज होता है।
स्लाइस किया हुआ एक संतरा और एक कप कटा हुआ अनन्नास एक लीटर पानी में मिलाकर डीटॉक्स वॉटर तैयार कर लें। यह पानी पीने से शरीर के सारे विषैले तत्व पेशाब के जरिये बाहर निकल जाते हैं।
लेमन ग्रीन टी को बनाने के बाद उसे ठंडा करके पीना भी फायदेमंद होता है। इसमें अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं।
अदरक और नीबू वाला पानी भी सेहत को कई तरह से लाभ पहुंचाता है। आधे लीटर पानी में एक कटा हुआ नीबू और एक टुकड़ा अदरक डालकर अच्छी तरह से उबालें। छानकर इस पानी को पूरी तरह से ठंडा होने दें और पिएं।