नई दिल्ली। बैंक कर्मियों की चल रही देशव्यापी हड़ताल की वजह से बैंकों की सेवाओं पर असर पड़ा है। बता दें कि इस हड़ताल का एलान यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) ने किया है। ये ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन (एआईबीओसी), ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसिएशन (एआईबीईए) और नेशनल आर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स समेत नौ कर्मचारी संगठनों का समूह हैं।
बैंक कर्मचारी वेतन वृद्धि की मांग को लेकर 31 जनवरी से दो दिन की हड़ताल पर
बैंक कर्मचारी वेतन वृद्धि की मांग को लेकर 31 जनवरी से दो दिन की हड़ताल पर हैं। बैंक कर्मियों के वेतन वृद्धि का मामला नवंबर 2017 से लंबित हैं। देश में कई जगह बैंक शाखाएं बंद रही और कुछ एटीएम में पैसे भी खत्म हो गए हैं। भारतीय स्टेट बैंक समेत कई बैंकों ने ग्राहकों को पहले की सूचित कर दिया था कि हड़ताल के कारण काम-काज प्रभावित रहेगा। इस हड़ताल के कारण पैसे निकालने, पैसे जमा कराने के साथ कई सेवाएं प्रभावित रहीं।
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सार्वजनिक बैंकों और निजी क्षेत्र के कुछ बैंकों के करीब 10 लाख कर्मी और अधिकारी हड़ताल पर
सरकारी बैंकों की हड़ताल ऐसे समय हो रही है जब शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट पेश किया गया है। यूनियन का दावा है कि सार्वजनिक बैंकों और निजी क्षेत्र के कुछ बैंकों के करीब 10 लाख कर्मी और अधिकारी हड़ताल में भाग ले रहे हैं। श्रमिक संगठनों ने बताया कि इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) ने वेतन में सिर्फ 13.5 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव दिया, लेकिन यह हमें स्वीकार नहीं है। वहीं आईबीए का कहना है कि कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से पहले गुरुवार को वेतन बढ़ोत्तरी को लेकर 19 प्रतिशत तक वृद्धि का प्रस्ताव पेश किया गया, लेकिन इसके बावजूद यूनियन ने हड़ताल पर जाने का निर्णय किया।