मुंबई। बॉलीवूड इंडस्ट्री के जाने माने अभिनेता महेश भट्ट के नाम महिलाओं का यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग ने मशहूर निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट समेत कई गवाहों के बयान दर्ज किए।
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आयोग ने सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना द्वारा दायर एक शिकायत का संज्ञान लेने के बाद महेश भट्ट, सोनू सूद, उर्वशी रौतेला, मौनी रॉय, रणविजय सिंह, प्रिंस नरूला और ईशा गुप्ता को समन जारी किया था।
ऑनलाइन सुनवाई के लिए आयोग के सामने उपस्थित हुए महेश भट्ट ने बयान जारी कर कहा, ”मैं राष्ट्रीय महिला आयोग को सैल्यूट करता हूं कि उन्होंने ऐसी कुछ संस्थाओं को चिन्हित कर उन पर कड़ाई की है जो इंडस्ट्री में महिलाओं संग यौन उत्पीड़न को बढ़ावा देती हैं और इंडस्ट्री का नाम खराब करती हैं। इसके लिए मैं नेशनल कमिशन फॉर वुमन का आभारी हूं। मैं आज अपने ऊपर लगे एलिगेशन के संदर्भ में कमिशन के समक्ष हाजिर हुआ हूं।
आईएमजी वेंचर ने नवंबर 2020 में अपने प्रमोशनल इवेंट मिस्टर और मिसेज ग्लैमर, 2020 में मेरा नाम का इस्तेमाल किया और मुझे अमंत्रण दिया कि मैं इवेंट का हिस्सा बनूं। इसी के संदर्भ में मुझे कमिशन के सामने हाजिर होना पड़ा। मगर मैंने शो में शिरकत करने से मना कर दिया था।
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मैं इस इवेंट को लेकर किसी भी प्रकार के एग्रीमेंट में नहीं था और ना हीं इसके लिए मुझे कोई फीस दी गई थी। मगर दुर्भाग्यवश मेरा नाम और मेरी इमेज का इस्तेमाल सोशल मीडिया द्वारा किया गया है।
मैं 71 साल का हो चुका हूं। इस उम्र में ज्ञान बांटने और सामाजिक दृष्टिकोण से लोगों को जागरुक करने की कोशिश करता हूं। मैं तीन लड़कियों का पिता हूं। मैं नेशनल कमिशन ऑफ वुमन का आभारी हूं जिस तरह वे सोशल इश्यू के लिए सराहनीय काम कर रहे हैं।”