नई दिल्ली। बीते सात सितंबर को चंद्रयान-2 मिशन के तहत इसरो का विक्रम लैंडर का चांद की सतह पर लैंडिंग से पहले ही संपर्क टूट गया था। इसके बाद उससे लगातार संपर्क करने की कोशिशे जारी है। इस कड़ी में नासा ने भी विक्रम लैंडर से संपर्क साधने की कोशिश कर रहा है। नासा के LROC ऑर्बिटर ने उस जगह की तस्वरी भेजी हैं, जहां पर विक्रम की संभावित लैंडिंग होनी थी। नासा ने अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट पर यह तस्वीरें जारी की है।
नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने ये तस्वीरें अपनी वेबसाइट और ट्विटर पर शेयर की
नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने ये तस्वीरें अपनी वेबसाइट और ट्विटर पर शेयर की है। नासा ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘हमने भारत के चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की लैंडिग साइट की ये तस्वीरें खीचीं हैं। तस्वीरें अंधेरे में ली गई हैं इसलिए लैंडर की स्थिति का पता नहीं लगाया जा सका। अक्टूबर महीने में रोशनी ज़्यादा होने पर और तस्वीरें ली जाएंगी। नासा ने अपने बयान में ये भी कहा है कि विक्रम लैंडर चांद की किस जगह पर लैंड हुआ? अभी इसकी सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं हो सकी है।
Our @LRO_NASA mission imaged the targeted landing site of India’s Chandrayaan-2 lander, Vikram. The images were taken at dusk, and the team was not able to locate the lander. More images will be taken in October during a flyby in favorable lighting. More: https://t.co/1bMVGRKslp pic.twitter.com/kqTp3GkwuM
— NASA (@NASA) September 26, 2019
नासा की ऑफिशियल वेबसाइट www.nasa.gov के मुताबिक विक्रम लैंडर की सात सितंबर को चांद की सतह पर हार्ड लैंडिंग हुई
नासा की ऑफिशियल वेबसाइट www.nasa.gov के मुताबिक विक्रम लैंडर की सात सितंबर को चांद की सतह पर हार्ड लैंडिंग हुई थी। ये तस्वीरें उसके LROC यानी कि लूनर रिकॉन्सेंस ऑर्बिटर कैमरा से ली गई हैं। 17 सितंबर को यह कैमरा विक्रम की लैंडिंग साइट के ऊपर से गुजरा था और तब ये तस्वीरें ली गई थीं। साथ ही नासा ने बताया है तस्वीरें अंधेरे में ली गई हैं और हो सकता है कि विक्रम लैंडर बड़ी बड़ी परछाइयों में कहीं छिपने के कारण न दिखा हो।
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14 अक्टूबर को जब चांद पर रोशनी तेज होगी तो उनकी टीम LROC की मदद से विक्रम लैंडर का पता लगाने की कोशिश करेगी
नासा ने कहा है कि अगले महीने यानी कि 14 अक्टूबर को जब चांद पर रोशनी तेज होगी तो एक बार फिर उनकी टीम LROC की मदद से विक्रम लैंडर का पता लगाने की कोशिश करेगी। बता दें कि विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित करने की समय सीमा 28 सितंबर को समाप्त हो रही है।