प्रयागराज। अखाड़ा परिषद के दिवंगत अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि केस के मुख्य आरोपी स्वामी आनंद गिरि का सीबीआई लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने की तैयारी कर रही है। पॉलीग्राफ यानी लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने को लेकर सीबीआई जल्द ही कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल कर सकती है। सीबीआई पॉलीग्राफ यानी लाई डिटेक्टर टेस्ट के जरिए आनंद गिरि से सच उगलवाना चाहती है। गौरतलब है कि अभी तक की पड़ताल में सीबीआई किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। वहीं इस बीच आनंद गिरि लगातार खुद को बेगुनाह बताते हुए इस केस से कोई वास्ता ना होने की दुहाई दे रहा है।
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लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए कोर्ट से मांगेगी अनुमति
आनंद गिरि सच बोल रहा है या झूठ सीबीआई इस बात का पता लगाना चाहती है। मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम जल्द ही कोर्ट में अर्जी दाखिल कर आनंद गिरि का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराए जाने की अनुमति मांग सकती है। साथ ही सीबीआई लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए आनंद गिरि की कस्टडी रिमांड भी बढ़वाएगी। सीबीआई प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर आनंद गिरी के कस्टडी रिमांड एक हफ्ते के लिए बढ़ाए जाने की अपील कर सकती है।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, आनंद गिरि के साथ गिरफ्तार किए गए बाकी दो आरोपी आद्या तिवारी व संदीप तिवारी का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराए जाने की संभावनाओं पर अभी अंतिम फैसला लेना बाकी है।
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आनंद गिरि के वकील करेंगे लाई डिटेक्टर टेस्ट का विरोध
सीबीआई आनंद गिरि के लाई डिटेक्टर टेस्ट की रिपोर्ट के आधार पर ही आद्या और संदीप के टेस्ट के बारे में विचार करेगी। आनंद गिरि के वकीलों का दावा है कि अगर सीबीआई लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल करेंगी तो उसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। उनका कहना है कि अदालत से लाई डिटेक्टर टेस्ट की अनुमति नहीं दिए जाने की अपील की जाएगी। वकीलों ने कहा कि लाई डिटेक्टर टेस्ट अमानवीय व तकलीफ देने वाला होता है। पॉलीग्राफ़ यानी लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए कोर्ट से मंजूरी जरूरी होती है।