उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पार्टियां हर वो तिकड़म अजमा रही हैं जिससे वह विधानसभा में मजबूती से उतर सकें। बहुजन समाज पार्टी ने मंगलवार को प्रबुद्ध सम्मेलन का समापन किया, इस दौरान मंच पर पार्टी प्रमुख मायावती एकदम नए अवतार में नजर आई। हाथ में त्रिशूल पकड़े मायावती ने कहा, दलित लोगों पर गर्व हो रहा है कि वह बिना गुमराह हुए और बिना किसी के बहकावे में आए पार्टी को नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा- आज ब्राह्मण वर्ग भी कहने लगा है कि भाजपा के प्रलोभन भरे वादों के बहकावे में आकर उसकी सरकार बनाना बहुत बड़ी गलती थी।
भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा- मोदी सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था लेकिन आज मंहगाई से लागत निकालना भी मुश्किल हो गया। मायावती ने कहा कि बीजेपी ने किसानों का वोट लेते हुए वादा किया था कि आमदनी दो गुना बढ़ा दी जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि बीएसपी की सरकार बनी तो तीन नए कृषि कानून लागू नहीं होने देंगे। मायावती ने कहा कि मैं कोरोना काल में जानबूझकर लखनऊ से नहीं निकली, क्योंकि ऐसा करने पर कार्यकर्ताओं पर कोरोना नियमों के उल्लंघन का मामला दर्ज हो जाता।
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मायावती ने कहा कि मैं मोहन भागवत से पूछना चाहती हूं कि आरएसएस-बीजेपी मुसलमानों के साथ सौतेला रवैया क्यो अपनाती है?मायावती ने कहा कि हर स्तर पर ब्राह्मण समाज का शोषण होता है। बीएसपी से जुड़े लोग गुमराह नहीं होंगे। ब्राह्मण समाज भी किसी के बहकावे में न आए, हम उनको निराश नहीं होने देंगे। सपा और बीजेपी की सोच ही पूंजीवादी है। बसपा की कथनी और करनी में अंतर नहीं है।