यांगून। म्यांमार (Myanmar) की सेना ने दक्षिण-पूर्वी केरन प्रांत में रविवार को जातीय सशस्त्र समूह पर हवाई हमले किए। इसके बाद करीब 3000 ग्रामीण थाईलैंड भाग गए हैं। इस क्षेत्र पर इन लोगों ने कब्जा जमा रखा था। एक एक्टीविस्ट समूह व स्थानीय मीडिया ने हवाई हमले और ग्रामीणों के थाईलैंड भागने की जानकारी दी।
About 3,000 villagers from Myanmar’s southeastern Karen state fled to Thailand on Sunday following air attacks by the army on an area held by an ethnic armed group, an activist group and local media said: Reuters
— ANI (@ANI) March 28, 2021
शनिवार को 114 मौतों के बाद भी प्रदर्शनकारियों का नहीं टूटा हौसला
म्यांमार (Myanmar) में सेना द्वारा तख्तापलट के खिलाफ और लोकतंत्र की वापसी की मांग को लेकर रविवार को भी प्रदर्शनकारी सड़कों पर डटे रहे। शनिवार को सेना ने कई शहरों में प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं, जिसमें 114 लोगों की मौत हो गई। इसके बावजूद आंदोलनकारियों का हौसला नहीं टूटा।
मृतकों में बड़ी संख्या में बच्चे भी
शनिवार पिछले महीने हुए तख्तापलट के बाद सबसे अधिक रक्तपात वाला दिन रहा। ऑनलाइन समाचार वेबसाइट ‘म्यांमा नाउ’ ने बताया कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ शनिवार को सेना की कार्रवाई में 114 लोग मारे गए। मृतकों में कई लोगों की आयु 16 साल से कम थी। इससे पहले 14 मार्च को सेना की कार्रवाई में 74 से 90 लोगों की मौत हुई थी।
अब तक 420 लोगों की मौत
तख्तापलट के बाद से 420 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। करीब पांच दशक के सैन्य शासन के बाद लोकतांत्रिक की दिशा में हुई प्रगति पर इस सैन्य तख्तापलट ने विपरीत असर डाला है। प्रदर्शनकारियों पर यह कार्रवाई ऐसे समय हुई जब म्यांमा की सेना ने देश की राजधानी नेपीता में परेड के साथ वार्षिक सशस्त्र बल दिवस का अवकाश मनाया
यूएन के अलावा अमेरिका समेत 12 देशों ने की निंदा
इन हत्याओं को लेकर म्यांमार (Myanmar) की सेना की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक निंदा हो रही है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि वह बच्चों समेत आम नागरिकों की हत्या से स्तब्ध हैं। उन्होंने ट्वीट किया ‘जारी सैन्य कार्रवाई अस्वीकार्य है और इसके खिलाफ कड़ी, एकजुट होकर और कठोर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की आवश्यकता है।’ अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ट्वीट किया कि म्यांमार की सेना ने दिखाया है कि वह कुछ लोगों के लिए आमजन का जीवन छीन लेगी।
बारह देशों के रक्षा प्रमुखों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि एक पेशेवर सेना आचरण के अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करती है और लोगों को नुकसान पहुंचाने की बजाय उनकी रक्षा करती है। हम म्यांमार सशस्त्र बल से अपील करते हैं कि वह हिंसा बंद करे और लोगों में अपना सम्मान एवं विश्वसनीयता फिर से कायम करने के लिए काम करे, जो उसने अपने इन कृत्यों से गंवा दी है। यह बयान ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, यूनान, इटली, जापान, डेनमार्क, हॉलैंड, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन और अमेरिका के रक्षा प्रमुखों ने जारी किया।
बता दें, आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार को एक फरवरी को तख्तापलट के जरिये हटाने के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों से निपटने के लिए म्यांमार की सेना ताकत का इस्तेमाल कर रही है और ऐसे में म्यांमा में मरने वाले प्रदर्शनकारियों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।