क्या है तन्हाई बैरक ?
जेल के सूत्र बताते हैं कि 15 और 16 नम्बर की बैरक, तन्हाई बैरक है। कारण यह है कि ये दोनों बैरक एकदम अलग हैं। इनके आस-पास सिर्फ सन्नाटा ही सन्नाटा रहता है। इन बैरकों की दीवारों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं, जिनके माध्यम से मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी। यही नहीं इन कैमरों की मॉनिटरिंग सीधे लखनऊ से होगी। इस बात की भी जानकारी मिली है।
फिलहाल मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को बांदा जेल में तन्हाइयों में ही रहना पड़ेगा, क्योंकि इससे पहले जब मुख्तार अंसारी बांदा जेल में था, तो यह खबरें सामने आती रहती थी कि यहां पर उसके लिए सारी सुविधाएं हैं, लेकिन आज के हालात अलग हैं।
खानी होगी जेल की रोटी
अब मुख्तार को बिरयानी की जगह बांदा जेल की रोटी खानी होगी। बांदा जेल में मुख्तार (Mukhtar Ansari) का काउंटडाउन शुरू हो गया है। सुबह 6 बजे जेल खुलने के बाद उसे 16 नम्बर बैरक काल कोठरी (तन्हाई बैरक) में शिफ्ट किया गया। जेल प्रशासन का कहना है कि मुख्तार (Mukhtar Ansari) को आम बंदी की तरह रखा जाएगा। उसे बाहर का लजीज भोजन (बिरयानी, चिकन) नसीब नहीं होगा। उसे जेल की रोटी खानी होगी। सुबह नाश्ता (चना, ब्रेड, चाय) भी जेल का ही करना होगा।
कभी मुख्तार (Mukhtar Ansari) के बैरक में उसकी लंबाई के बराबर का तख्त रखा जाता था। बिस्तर पर मखमली चादर बिछाई जाती थी। अब उसे फर्श पर ही मामूली दरी पर सोना पड़ेगा। जेल में मुख्तार को सेवा टहल (सजायाफ्ता बंदी) के लिए 3-4 कैदी मिलते थे, जो उसका काम निपटाते थे। ये उसे अब नहीं मिलेंगे।अब उसे खुद अपना काम करना होगा।
बीमार बंदियों को मिलता है दूध-अंडा
जेल मैनुअल के अनुसार, बीमार बंदियों को नाश्ते में दूध और अंडा समेत पौष्टिक आहार मिलता है। डॉक्टरों की सलाह पर उसे ये आहार दिया जा सकता है।