मोदी सरकार द्वारा पारित नए कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन जारी है, रविवार को मुजफ्फरनगर में विशाल किसान पंचायत आयोजित की गई है। इस महापंचायत में 15 राज्यों के करीब दो लाख किसान सम्मिलित हो रहे हैं, 100 से अधिक किसान नेता मंच पर पहुंच गए हैं। राकेश टिकैत सुबह ही गाजीपुर बॉर्डर से निकले, वह नौ महीने बाद मुजफ्फरनगर जा रहे हैं, उन्होंने पहले ही कहा है कि वह घर नहीं जाएंगे। इस महापंचायत में हजारों की संख्या में महिलाएं भी पहुंची हैं, संयुक्त किसान मोर्चा ने महापंचायत में उमड़ी भीड़ को अपनी ताकत बताया है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार कानून में संशोधन को तो तैयार है लेकिन वह इसकी वापसी नहीं चाहती, पिछले सात माह से सरकार ने बातचीत बंद कर दी है। दरअसल केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे एसकेएम ने कहा कि महापंचायत से साबित हो जाएगा कि आंदोलन को सभी जातियों, धर्मों, राज्यों, वर्गों, छोटे व्यापारियों और समाज के सभी वर्गों का समर्थन प्राप्त है।
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एसकेएम ने एक बयान में कहा, ‘पांच सितंबर की महापंचायत योगी-मोदी सरकार को किसानों, खेत मजदूरों और कृषि आंदोलन के समर्थकों की शक्ति का एहसास कराएगी। मुजफ्फरनगर महापंचायत पिछले नौ महीनों में अब तक की सबसे बड़ी महापंचायत होगी।’ बयान में कहा गया है कि किसानों के वास्ते भोजन की व्यवस्था के लिए 500 लंगर सेवाएं शुरू की गई हैं, जिसमें सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर चलने वाली मोबाइल लंगर प्रणाली भी शामिल है। महापंचायत में भाग लेने वाले किसानों के लिए 100 चिकित्सा शिविर भी लगाए गए हैं।