पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने गुरुवार को विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सदन में चर्चा नहीं करने के लिए सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने एक बयान में कहा- विपक्ष द्वारा उठाए गए मामलों पर सरकार द्वारा जिद्दी रवैया अपनाकर चर्चा करने से इनकार करने से संसद में गतिरोध है। उन्होंने कहा- बीजेपी सदस्यों के उपस्थिति पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने के कारण, एक संसदीय समिति बाधित हो गई है
पी. चिदंबरम ने आशंका जताई कि संसदीय समिति शायद भंग होने की राह पर है। 15 अगस्त को क्या मनाया जाएगा? एक कमजोर लोकतंत्र? पेगासस जासूसी विवाद के मुद्दे पर एक संयुक्त विपक्ष संसद में सरकार पर हमलावर है, और पेगासस, कृषि कानून जैसे मुद्दे पर बात की मांग कर रहा।
उन्होंने कहा, “भाजपा सदस्यों के उपस्थिति पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने के कारण, एक संसदीय समिति बाधित हो गई है और शायद भंग होने की राह पर है। 15 अगस्त को क्या मनाया जाएगा? एक कमजोर लोकतंत्र?”पेगासस जासूसी विवाद के मुद्दे पर एक संयुक्त विपक्ष संसद में सरकार पर हमलावर रही है।
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विपक्षी सांसदों ने दोनों सदनों में स्थगन प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया है।लोकसभा में कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर और मनीष तिवारी पहले ही स्थगन प्रस्ताव के लिए नोटिस भेज चुके हैं।हंगामे के बीच बुधवार को सिर्फ किशोर न्याय विधेयक पारित हो सका। विपक्ष ने बार-बार स्थगन को मजबूर किया और लोकसभा में कई विपक्षी सदस्यों ने कागजात फाड़ दिए।