केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय (CAFPD मंत्रालय) ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2020-21 में केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 19.3.21 तक धान की खरीद 684.48 LMT हुई है। जो विगत वर्ष की तुलना में 13.51 प्रतिशत ज्यादा है।
पीएम किसान सम्मान निधि : जल्द जारी होगी योजना की आठवीं किस्त
पिछले साल 602.97 LMT की खरीद हुई थी। वर्तमान समय में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में जहां से खरीद हुई हैं वह पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, तेलंगाना, तमिल नाडु, उत्तराखंड, चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर, केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, असम, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा हैं. जिसमें पंजाब अकेले 202.82 LMT संग्रहित किया है जो कुल खरीद 29.63 प्रतिशत है।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने यह भी बताया कि लगभग 100.65 लाख किसान MSP पर खरीद से लाभान्वित हुए हैं। जिसमें कुल लागत 129230.20 करोड़ है. राज्यों से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर 107.80 LMT दाल दलहन, तिलहन तथा रबी फलस के खरीद के लिये अनुमति तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, राजस्थान एवं आंध्र प्रदेश को मुल्य समर्थन योजना के तहत दी गयी है. 1.23 LMT खोपरा की खरीद के लिये आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु एवं केरल को सहमति दी गई है।
अन्य राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से दाल, तेल व खोपरा की खरीद प्राइस सपोर्ट स्कीम करने हेतु प्रस्ताव होने पर उन्हें अनुमति दी जायेगी. ताकि वह भी अनुमोदित MSP पर वर्ष 2020-21 के लिये रजिस्टर्ड किसान से सीधे खरीद कर सकें।
दिनांक 19.3.21 तक केंद्र सरकार द्वारा 349437.15 MT मूंग, उड़द, तुअर, मूंगफली एवं सोयाबीन की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान में खरीफ 2020-21 एवं रबी 2020-21 में की गई है जिसमें कुल लागत 1870.55 करोड़ है एवं उसमें 197050 किसान लाभान्वित हुए हैं. उसी तरह 5089 MT खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद एमएसपी वैल्यू पर 52.40 करोड़ की लागत से की गयी है. 3961 किसान लाभान्वित हुए हैं।
19 मार्च 2021 तक 9186803 कॉटन बेल्स (कपास) की खरीद MSP पर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और कर्नाटक में की गयी है जिसकी कुल लागत 26719.51 करोड़ है और उसमें 1897005 किसान लाभान्वित हुए हैं।