अयोध्या। लावारिस शवों का दाह संस्कार करने के लिए पद्म श्री के लिए नामित किए गए मोहम्मद शरीफ ने मीडिया से बात की है। उन्होंने बताया कि बीते 27 साल पहले सुल्तानपुर में मेरे बेटे की हत्या कर दी गई थी। मोहम्मद शरीफ ने बताया कि मुझे इसके बारे में एक महीने बाद पता चला। उसके बाद से मैंने लावारिश लाशों के अंतिम संस्कार का काम अपने हाथ में ले लिया। उन्होंने बताया कि अब तक मैंने हिंदुओं के 3000 और मुसलमानों के 2500 शवों का अंतिम संस्कार किया है।
Ayodhya:Mohd Sharif, who has been named for Padma Shri for cremating unclaimed bodies, says,"27 yrs ago, my son was murdered in Sultanpur&I got to know about it a month later.After that,I took this task in my hand.I've cremated 3000 bodies of Hindus&2500 bodies of Muslims so far" pic.twitter.com/2iw5Cp3gWd
— ANI UP (@ANINewsUP) January 26, 2020
पद्मश्री अवार्ड के लिए चुने जाने पर मोहम्मद शरीफ ने पीएम मोदी का धन्यवाद
वैसे तो मोहम्मद शरीफ पेशे से साइकिल मैकेनिक हैं, मगर इनके जीवन का लक्ष्य किसी भी धर्म के लावारिस शव का सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करना है। पद्मश्री अवार्ड के लिए चुने जाने पर मोहम्मद शरीफ ने पीएम मोदी का धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जैसा पूरी दुनिया में कोई इंसान नहीं है। वह एक फरिश्ते की तरह हैं, जिन्होंने गरीबों के लिए और काम किया है।
पीएम मोदी जैसा पूरी दुनिया में कोई इंसान नहीं
पीएम मोदी के बारे में बताते हुए वह बहुत गंभीर और भावुक हुए और कहा कि, वह एकमात्र ऐसे हैं जिन्होंने हम लोगों के दर्द को समझा है। मोहम्मद शरीफ ने बताया कि उनके बेटे का कुछ साल पहले सुल्तानपुर में कत्ल हो गया था। वह मेडिकल का काम करता था उसके बाद से मैंने हर एक लावारिस लाश का अंतिम संस्कार अपने बेटे को मानकर ही किया है। उन्होंने कहा कि मैं हर वक्त उसे याद करता हूं मैं किसी लाश का अंतिम संस्कार उसके धर्म को मानकर या देखकर नहीं करता। मेरी साइकिल की छोटी सी दुकान है, मैं उसी से अपनी रोजी रोटी कमाता हूं। मुझे इस अवार्ड की जानकारी मीडिया के माध्यम से ही हुई है।
मोहम्मद शरीफ ने कहा कि मैं सभी का धन्यवाद देता हूं और अगर मीडिया ने मेरी आवाज वहां तक नहीं पहुंचाई होती मेरे कामों को दुनिया तक न पहुंचाया होता, तो आज मुझे यह अवार्ड नहीं मिलता। मेरे जैसे गरीब व्यक्ति को अवार्ड देकर उन्होंने हर गरीब का सम्मान किया है।