पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी धाराप्रवाह हिंदी और गुजराती का कारण पीएम मोदी और अमित शाह को बताया है। दिल्ली में बुधवार को मीडिया से बात करते हुए ममता ने कहा, “मोदी को देख के हिंदी अच्छा हो गया, अमित शाह को देख के गुजराती भी अच्छा हो गया”। सांसद सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने अपने आधिकारिक आवास पर सीएम बनर्जी के लिए मीडिया से बातचीत के कार्यक्रम का आयोजन किया था।
दरअसल ममता बांग्ला में भाषण दे रही थी, लेकिन टोकने के बाद उन्होंने भाषण को हिंदी में स्वीच किया। इस पर मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने चुटकी ले ली। बता दें कि बनर्जी इन दिनों दिल्ली में सियासी चहलकदमी करते हुए दिख रही हैं, इसके पीछे मिशन 2024 को माना जा रहा है।
उन्होंने कहा, “यह सतत प्रक्रिया है, जब मोदी अगला चुनाव लड़ेंगे तो यह देश के साथ होगा।” मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका मतलब है कि अगला लोकसभा चुनाव मोदी बनाम संयुक्त विपक्ष होगा। वह बंगाल में भाजपा को पराजित करने के बाद राष्ट्रीय राजधानी की पहली यात्रा पर आई हुई हैं। पूछा गया कि पिछले कुछ सालों में उनकी हिंदी में काफी सुधार आया है तो बनर्जी ने कहा, “ हिंदी नरेंद्र मोदी से सीखी है और गुजराती अमित शाह से।”
गुजरात मोदी और शाह का गृह राज्य है, जहां अगले साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। तृणमूल कांग्रेस 21 जुलाई को ‘शहीद दिवस’ मनाती है और टीएमसी ने बनर्जी के भाषण का गुजराती अनुवाद राज्य के सभी जिलों में प्रसारित कराया है। यह पहली बार है कि तमिलनाडु, दिल्ली, पंजाब, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश जैसे अन्य राज्यों में भी भाषण को प्रसारित किया गया है।
पश्चिम बंगाल के हाल के विधानसभा चुनाव में जबर्दस्त जीत ने ममता बनर्जी को यह आत्मविश्वास दिया है कि वह देश के बाकी हिस्सों तक पहुंच बनाने की कोशिश करें। उनकी पार्टी के नेता 2024 के चुनाव में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए संयुक्त विपक्ष के चेहरे के तौर पर उन्हें आगे कर रहे हैं।
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हालांकि, मुख्यमंत्री ने इसपर मिली जुली प्रतिक्रिया दी है। संयुक्त विपक्ष से संबंधित सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “ आप मुझसे बच्चे के जन्म से पहले ही उसका नाम पूछ रहे हैं।” मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के “कुप्रबंधन” से भगवा पार्टी को नुकसान होगा।