नई दिल्ली। महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर चल रही सियासी उठा पटक के बीच मंगलवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ओर से राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी। इसके बाद केंद्रीय कैबिनेट ने भी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब सूबे में राष्ट्रपति शासन महज एक कदम दूर रह गया है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही सूबे में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाएगा।
शिवसेना खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश पर शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिब्बल से बातचीत की है। सिब्बल से बातचीत के बाद ही उद्धव ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल शिवसेना की ओर से पक्ष रख सकते हैं। शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की खबरों पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब एनसीपी को दिया का वक्त खत्म नहीं हुआ है, तो ऐसे में राज्यपाल राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कैसे कर सकते हैं?’
कांग्रेस नेता संजय झा ने इस पर ट्वीट कर कहा कि होशियारी नहीं! राज्यपाल के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
Hoshiyari much! The Governor's decision will be challenged in the courts.
— Sanjay Jha (@JhaSanjay) November 12, 2019