नई दिल्ली। देश में अब मोबाइल फोन खरीदना महंगा हो जाएगा। केंद्र सरकार ने शनिवार को इस पर जीएसटी बढ़ाने का फैसला किया है। जीएसटी परिषद की बैठक में मोबाइल फोन पर जीएसटी 12 से बढ़ाकर 18 फीसदी करने का निर्णय लिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि मोबाइल फोन और उसके अन्य खास उपकरणों पर जीएसटी 12 से 18 फीसदी करने का फैसला लिया गया है।
Finance Minister Nirmala Sitharaman: It was decided to raise the GST rate on mobile phones and specific parts, presently attracting 12% GST, to be taxed at 18%. pic.twitter.com/RnSoRN9sKl
— ANI (@ANI) March 14, 2020
मोबाइल फोन पर जीएसटी बढ़ाए जाने की पहले ही जताई जा रही थी आशंका
मोबाइल फोन पर जीएसटी बढ़ाए जाने की आशंका पहले ही जताई जा रही थी। पहले से ही माना जा रहा था कि केंद्र सरकार जीएसटी की दर 12 से 18 फीसदी करने की तैयारी कर रही है। हालांकि कई संगठनों ने केंद्र सरकार से ऐसा नहीं करने की मांग की थी।
केंद्र सरकार का यह फैसला मोबाइल कंपनियों पर पड़ सकता है भारी
कैट और ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर एसोसिएशन (एआईएमआरए) ने प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री को पत्र भेजा था। इसमें मोबाइल फोन पर जीएसटी न बढ़ाने की मांग की गई थी। संगठन का तर्क है कि मौजूदा समय में जीएसटी में बढ़ोतरी से ग्राहक के अलावा रिटेलरों पर भी प्रभाव पड़ेगा। केंद्र सरकार का यह फैसला मोबाइल कंपनियों पर भारी पड़ सकता है। यह इंडस्ट्री पहले ही चीन समेत दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस की मार झेल रहा है। कोरोना के चलते चीनी कंपनियों में काम ठप पड़ा हुआ है, जिससे मोबाइल फोन की उपलब्धता कम है।
वित्त मंत्री ने कहा कि हाथ और मशीन से बनी माचिस पर 12 फीसदी जीएसटी लगाया
वित्त मंत्री ने कहा कि हाथ और मशीन से बनी माचिस पर 12 फीसदी जीएसटी लगाया जाएगा। इसके अलावा विमान के रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (MRO) सेवाओं पर जीएसटी दर को 18 से घटाकर पांच फीसदी कर दिया गया है।
वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की तारीख 30 जून तक बढ़ी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए वार्षिक रिटर्न दाखिल करने और विवरण के समाधान के लिए नियत तारीख को 30 जून तक बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2 करोड़ रुपये से कम कुल कारोबार वाले करदाताओं को 2017-18 और 2018-19 के लिए वार्षिक रिटर्न और विवरण के समाधान दाखिल करने में देरी होने के लिए लेट फीस नहीं देनी होगी। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग से जुड़े जिन व्यापारियों का टर्न ओवर पांच करोड़ से कम है, उन्हें वित्त वर्ष 2018-19 के लिए जीएसटीआर 9सी का फॉर्म भरने में छूट दी गई है।