लखनऊ: किसानों की आय बढ़ाने के जिस सपने को लेकर योगी सरकार (Yogi government) ने 05 साल पहले कोशिश शुरू की थी, योगी (Yogi 2.0) में वह तेजी से परवान चढ़ रही है। नई सरकार के गठन के अभी 100 दिन ही बीते हैं लेकिन इन चंद दिनों में ही खेती-किसानी को लाभ का उद्यम बनाने के लिए ठोस कोशिशें हुई हैं। सरकार ने बंजर, बीहड़ भूमि को कृषि योग्य बनाने के लिए पं. दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना के लिए 602 करोड़ स्वीकृत किये हैं तो पीएम किसान सम्मान निधि की किश्त नियमित अंतराल पर सभी 2.59 करोड़ किसानों को मिल रही है।
19 नवीन मण्डियों का आधुनिकीकरण का काम शुरू हो रहा है तो ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अन्तर्गत मण्डियों में किसानों की प्री-अराइवल ई-पास की व्यवस्था दी गई। मंडी व्यापारियों को मोबाइल ऐप के माध्यम से डिजिटल पेमेन्ट की सुविधा भी मिल रही है।वहीं, सहजनवां (गोरखपुर) में इण्टीग्रेटेड पैक हाउस स्वीकृत किया गया है। कृषकों की सहायता हेतु जनपदों में 54 कृषि कल्याण केन्द्र स्थापित होंगये हैं तो विष मुक्त खेती के महत्वपूर्ण लक्ष्य के साथ मिशन प्राकृतिक खेती के अन्तर्गत बुन्देलखण्ड के समस्त जनपदों में गौ-आधारित प्राकृतिक खेती पर सरकार का खासा जोर है।
भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश के 75 जनपदों के 202 अधिकारी एवं कृषक मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किये जा रहे हैं, जबकि पीएम कुसुम योजना हेतु कृषकों का ऑनलाइन चयन भी किया गया है। रहमान खेड़ा, लखनऊ में सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस का निर्माण होने जा रहा है तो उपमण्डी स्थल मलिहाबाद (लखनऊ), नवीन मण्डी स्थल मिश्रिख (सीतापुर) एवं भिनगा (श्रावस्ती) का निर्माण जारी है।
योगी सरकार की सुरक्षा और सुशासन के लिए समर्पित 100 दिन पूरे होने का लेखा जोखा
गन्ना किसानों के बहुरे दिन, 100 दिन में 12,530 करोड़ का भुगतान
दशकों से राजनीति का अहम विषय रहे गन्ना किसानों को मूल्य भुगतान को लेकर योगी सरकार की सकारात्मक कोशिशों के अच्छे नतीजे हालिया विधानसभा चुनाव परिणाम ने भी सिद्ध किये हैं। गन्ना किसानों को योगी सरकार ने 1,76,639 करोड़ का रिकार्ड भुगतान किया है, इसमें पिछले 100 दिनों में 12,530 करोड़ के गन्ना मूल्य का भुगतान शामिल है। पेराई सत्र 2022-23 हेतु गन्ना सर्वेक्षण नीति जारी की जा चुकी है तो सभी गन्ना किसानों को यूनिक ग्रोवर कोड आवंटित किया गया है। इससे बिचौलियों एवं गन्ना माफियाओं का सफाया होगा। उत्पादन लागत में कमी लाने एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए 1.10 लाख हेक्टेयर में तरल नैनो यूरिया का छिड़काव 50.10 लाख गन्ना किसानों को शेयर प्रमाण पत्र वितरण की तैयारी हो रही है।