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निवेश के मामले में मेरठ, लखनऊ, आगरा, झांसी और वाराणसी मंडल टॉप फाइव में

Investment

UP GIS

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के नेतृत्व में बीते दिनों संपन्न हुआ तीन दिवसीय उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) का परिणाम सरकार की सोच से भी कहीं ज्यादा उत्साहवर्धक साबित हुआ है। UP GIS 23 के जरिए सरकार और उद्योग जगत के बीच लगभग 19 हजार एमओयू (MoU) साइन हुए हैं, जिनमें 33.50 लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश (Investment) प्रस्ताव मिले हैं। अलग अलग सेक्टर में मिले निवेश प्रस्ताव से 93 लाख से भी ज्यादा रोजगार सृजन की उम्मीद है।

प्रदेश की सुदृढ़ कानून व्यवस्था, यातायात कनेक्टिविटी और 25 सेक्टर में योगी सरकार द्वारा लाई गई नई नीतियों ने उद्यमियों को प्रदेश में निवेश के लिए सबसे ज्यादा प्रेरित करने का काम किया है। नतीजन प्रदेश के 18 मंडलों में उद्योग जगत ने बेहतरीन संभावनाएं देखते हुए निवेश करने का फैसला लिया है। हालांकि सभी मंडलों में निवेशकों की रुचि अलग अलग ही देखने को मिली है। मेरठ मंडल में जहां निवेशकों ने सबसे ज्यादा दिलचस्पी दिखाई है वहीं आजमगढ़ मंडल में सबसे कम निवेश प्रस्ताव आए हैं। निवेश के मामले में उत्तर प्रदेश के टॉप फाइव मंडलों में क्रमश: मेरठ, लखनऊ, आगरा, झांसी और वाराणसी के नाम हैं।

किस मंडल में आया कितना निवेश प्रस्ताव

मंडलवार बात की जाए तो मेरठ मंडल में सर्वाधिक 9,85,566 करोड़, इसके बाद लखनऊ मंडल में 2,91,468 करोड़, आगरा मंडल में 2,60,947 करोड़, झांसी मंडल में 2,18,498 करोड़, वाराणसी मंडल में 1,96,632 करोड़, गोरखपुर मंडल में 1,78,285 करोड़, मिर्जापुर मंडल में 1,39,671 करोड़, बरेली मंडल में 1,28,040 करोड़, चित्रकूट मंडल में 98,367 करोड़, कानपुर मंडल में 80,607 करोड़, अयोध्या मंडल में 77,547 करोड़, प्रयागराज मंडल में 67,563 करोड़, अलीगढ़ मंडल में 67,467 करोड़, मुरादाबाद मंडल में 44,704 करोड़, सहारनपुर मंडल में 20,101 करोड़, बस्ती मंडल में 19,250 करोड़, देवीपाटन मंडल में 10,593 करोड़ और आजमगढ़ मंडल में 6,648 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव योगी सरकार को निवेशकों की ओर से प्राप्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त 4,58,648 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के लिए हुए हैं, जिनका फिलहाल मंडलवार वर्गीकरण नहीं किया जा सका है।

बुंदेलखंड और पूर्वांचल पर रंग लाई योगी सरकार की मेहनत

कभी बुंदेलखंड और पूर्वांचल यूपी के सबसे पिछड़े इलाके माने जाते थे। योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालने के बाद से ही इन दोनों क्षेत्रों पर विशेष फोकस करते हुए विकास कार्यों को लेकर रणनीति बनाना शुरू किया। बीते छह साल में पूर्वांचल और बुंदेलखंड रीजन से ना सिर्फ डकैतों, माफिया और रंगदारों के नेटवर्क को ध्वस्त किया गया, बल्कि बेहतर कनेक्टिविटी, विद्युत आपूर्ति जैसी मूलभूत सुविधाओं को भी विकसित करते हुए पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा दिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इन प्रयासों का परिणाम यूपी जीआईएस के दौरान देखने को मिला है। बुंदेलखंड रीजन के अंतर्गत आने वाले झांसी मंडल और चित्रकूट मंडल ने ज्यादातर निवेशकों को आकर्षित किया है। निवेश प्रस्ताव के मामले में झांसी मंडल जहां टॉप फाइव में है तो वहीं चित्रकूट मंडल टॉप टेन में शामिल है। इसी प्रकार पूर्वांचल क्षेत्र में वाराणसी मंडल पांचवें स्थान पर और गोरखपुर मंडल छठे नंबर पर है। जाहिर है उद्योग जगत को योगी शासन में इन इलाकों में व्यवसाय करने में अब कोई परेशानी नहीं दिख रही है।

ढह गया नक्सलियों का गढ़, अब फलेंगे-फूलेंगे उद्योग धंधे

कभी नक्सलियों का गढ़ रहे सोनभद्र, चंदौली और मिर्जापुर जिलों में भी निवेशकों ने काफी रुचि दिखाई है। वाराणसी मंडल में आने वाले चंदौली जिले में 11 हजार करोड़ से ज्यादा और मिर्जापुर मंडल में आने वाले मिर्जापुर जिले में 64 हजार करोड़ और सोनभद्र जनपद 74 हजार करोड़ से ज्यादा का इन्वेस्टमेंट करने का मन उद्योगजगत ने बना लिया है। जिन इलाकों में कभी शाम ढलने के बाद लोग घर से बाहर निकलने से भी डरते थे, वहां उद्योग धंधे स्थापित करने का माहौल बनाने में योगी सरकार को बड़ी सफलता मिली है।

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