जिले के नाराज किसानों (formers) ने मंगलवार को गेहूं की खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाकर पूरी फसल बर्बाद कर दी। किसानों (formers) ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए गेहूं की कच्ची फसल पर रोटावेटर चलाकर जुताई कर दी। किसानों (formers) कहना है कि गेहूं की फसल को पूंजीपतियों को बेचने से बेहतर है कि वे ट्रैक्टर चलाकर उसे नष्ट कर देंगे। केंद्र सरकार कृषि कानूनों (farm law) को जबरन किसानों पर थोप रही है। इसलिए आगामी पंचायत चुनाव में वह बीजेपी नेता और कार्यकर्ताओं के गांव में घुसने पर भी प्रतिबंध लगा देंगे।
खड़ी फसल पर चलाया रोटावेटर
मंगलवार की शाम गांव रोहटा में दो दर्जन से ज्यादा किसानों (formers) ने भाकियू नेता राकेश टिकैत जिंदाबाद और मोदी सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए आंदोलन शूरू कर दिया। किसान (formers) ट्रैक्टर और रोटावेटर के साथ किसान विजय सिंह के खेत पर पहुंचे। यहां किसानों (formers) ने गेहूं की खड़ी फसल पर रोटावेटर चला दिया। किसानों (formers) ने नारेबाजी करते हुए करीब एकड़ गेहूं की फसल की जुताई कर दी। जिससे किसान को लाखों रुपये की फसल खाद में तब्दील हो गई।
गेहूं की फसल के बढ़ाए दाम
किसानों (formers) का कहना है कि खड़ी फसल की जुताई करने से वैसे तो बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है लेकिन जब आने वाले समय में गेहूं की फसल के वाजिब दाम नहीं मिलेंगे तो ऐसी फसल का क्या फायदा। इससे बेहतर है कि हमारी जमीन खाली पड़ी रहे। किसानों ने कहा कि सरकार कृषि कानूनों (farm law) को वापस लेगी या नहीं ये तो उस पर निर्भर करता है लेकिन उन्हें गेहूं के दाम 2800 रुपये प्रति क्विंटल मिलना चाहिए। इसके अलावा कम से कम 400 रुपये क्विंटल गन्ने के दाम होने चाहिए। जिससे किसानों को उनकी लागत मिल सके।
अडानी को नहीं बेचेंगे गेहूं
किसान (formers) दिनेश ने बताया कि तीन महीने से किसान आंदोलन चल रहा है, इसके बावजूद सरकार कृषि कानूनों (farm law) को वापस नहीं ले रही। सभी किसान परेशान हैं, जबकि 250 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है। सरकार पूरी तरह तानाशाह का रवैया अपना रही है। किसानों (formers) की फसल के दाम बढ़ाने को तैयार नहीं है, जिसके चलते गेहूं की फसल की जुताई करना ही सही है। कृषि कानून (farm law) लागू किए जाने के बाद गेहूं की फसल को अडानी अंबानी ही खरीदेंगे, लेकिन वे अपनी फसल को उन्हें नहीं बेचेंगे।
बीजेपी नेताओं का होगा बहिष्कार
किसानों (formers) का कहना है कि आगामी चुनाव में बीजेपी नेताओं का खुलकर बहिष्कार किया जाएगा। इसके लिए गांव के बाहर बाकायदा पोस्टर लगाकर गांव में उनके घुसने पर पाबंदी लगाई जाएगी। अगर कोई बीजेपी नेता या कार्यकर्ता गांव में घुसता है तो उसके साथ होने वाले व्यवहार के लिए बीजेपी नेता खुद जिम्मेदार होंगे।