लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज लखनऊ के दौरे पर है। जहां उन्होंने प्रदेश को 4200 करोड़ की योजनाओं की सौगात दी। जिसमें 75 हजार लाभार्थियों को आवास की चाबी सौंपी, साथ ही प्रदेश के विभिन्न शहरों में 75 इलेक्ट्रिकल बसों के संचालन को हरी झंडी भी दिखाई। साथ ही 10 स्मार्ट सिटी की एडवांटेज स्मार्ट उत्तर प्रदेश कॉफ़ी टेबल बुक का विमोचन किया। हालांकि चुनावी मौसम में पीएम के इस दौरे को लेकर अब सियासत भी शुरू हो गयी है। प्रधानमंत्री के इस दौरे को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा है।
मायावती ने ट्वीट कर साधा निशाना
2. वैसे चुनाव के नजदीक आने पर यहाँ ज्यादातर योजनाओं के शिलान्यास व आधी-अधूरी स्कीमों का उद्घाटन आदि करने की जो गलत प्रवृति रही है उससे इनके पूरा न होने पर जनहित व जनकल्याण दोनों बूरी तरह से प्रभावित होता है जबकि विकास की प्रक्रिया अनवरत जारी रहनी चाहिए।
— Mayawati (@Mayawati) October 5, 2021
3. साथ ही, जनहित व जनकल्याण की विभिन्न सरकारी योजनाओं आदि व अन्य आर्थिक लाभ घर की महिलाओं के नाम ही सीधे उनके बैंक खाते में आवंटित करने की परम्परा बीएसपी के शासनकाल में ही बड़े पैमाने पर शुरू की गई थी, जिसे राजनीतिक स्वार्थ के तहत् चाह कर भी भुलाना मुश्किल।
— Mayawati (@Mayawati) October 5, 2021
मायावती ने ट्वीट में लिखा है कि बीएसपी के पदचिन्हों पर चलकर भाजपा द्वारा यूपी में गरीबों के लिए आवास आवंटन आदि का कार्य चुनावी स्वार्थ की पूर्ति के लिए जल्दबाजी में आधा-अधूरा नहीं होना चाहिए, बल्कि योजनाओं के पूरा होने पर ही इनका सही उद्घाटन व आवंटन हो तो बेहतर ताकि उसका सही लाभ लोगों को मिल सके।
वहीं मायावती ने एक और ट्वीट कर लिखा कि वैसे चुनाव के नजदीक आने पर यहां ज्यादातर योजनाओं के शिलान्यास व आधी-अधूरी स्कीमों का उद्घाटन आदि करने की जो गलत प्रवृति रही है उससे इनके पूरा न होने पर जनहित व जनकल्याण दोनों पूरी तरह से प्रभावित होता है जबकि विकास की प्रक्रिया अनवरत जारी रहनी चाहिए।
मायावती ने ट्वीट किया कि साथ ही, जनहित व जनकल्याण की विभिन्न सरकारी योजनाओं आदि व अन्य आर्थिक लाभ घर की महिलाओं के नाम ही सीधे उनके बैंक खाते में आवंटित करने की परम्परा बीएसपी के शासनकाल में ही बड़े पैमाने पर शुरू की गई थी, जिसे राजनीतिक स्वार्थ के तहत चाह कर भी भुलाना मुश्किल।
असल में उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव में अब बेहद कम दिन बचे और ऐसे में एक तरफ जहां बीजेपी की कोशिश है कि हर महीने प्रधानमंत्री के बड़े कार्यक्रम किये जायें जिसमें वो उत्तर प्रदेश को हजारों करोड़ की योजनाओं की सौगात दें, तो वहीं प्रदेश में विपक्षी दल भी इस तैयारी में है कैसे जनता को यह बताएगा कि इन योजनाओं के पीछे का असल मकसद क्या है।