लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई अनुचित है। यह बात मंगलवार को बसपा प्रमुख मायावती ने कही है। मायावती ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के इस असंवैधानिक कानून से भविष्य में नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि नए कानून में मुस्लिम समाज की उपेक्षा की गई है। केंद्र सरकार के फैसले से बसपा ने खुलकर विरोध किया है। मायावती ने सरकार पर भेदभाव वाली राजनीति करने का आरोप भी लगाया है।\
Bahujan Samaj Party (BSP) Chief Mayawati: BSP's parliamentary party has also sought time to meet the President. Our party will also raise our voices in the UP assembly, against #CitizenshipAmendmentAct, & crimes against women. https://t.co/MOCpUeQCv8
— ANI UP (@ANINewsUP) December 17, 2019
मायावती ने कहा है कि ‘मैं केंद्र मोदी सरकार से इस असंवैधानिक कानून को वापस लेने की मांग करती हूं। उन्होंने कहा कि अन्यथा भविष्य में इसके नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। केंद्र सरकार को आपातकाल जैसे हालात पैदा नहीं करने चाहिए। जैसा कि इससे पहले कांग्रेस ने पैदा किए थे।
मोदी सरकार पाकिस्तान में हिंदुओं पर हुए जुल्म का बदला आजाद भारत के मुस्लिमों से लेने के लिए यह कानून लेकर आई
मायावती ने कहा कि इस कानून को विभाजनकारी और असंवैधानिक मानकर हमारी पार्टी ने इसके खिलाफ वोट दिया था। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार पाकिस्तान में हिंदुओं पर किये गए जुल्म का बदला आजाद भारत के मुस्लिमों से लेने के लिए यह कानून लेकर आई है। जो कतई न्याय संगत नहीं है। मायावती ने कहा कि बसपा के संसदीय दल ने भी राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा है। हमारी पार्टी यूपी विधानसभा में भी नागरिकता संशोधन कानून और महिलाओं के खिलाफ अपराधों के खिलाफ आवाज उठाएगी।
बसपा राष्ट्रपति से मिलकर न्यायिक जांच कराने की मांग करेगी
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में आंदोलन करते छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में बसपा राष्ट्रपति से मिलकर न्यायिक जांच कराने की मांग करेगी। बसपा प्रमुख मायावती ने सोमवार को ट्वीट में जानकारी दी। प्रमुख मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा है कि ‘नागरिकता संशोधन कानून के विरुद्ध देश भर में जारी आंदोलन व खासकर अलीगढ़ व जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों पर हुई पुलिस बर्बरता के संबंध में विरोध प्रकट करने व इसकी न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर बीएसपी संसदीय दल कल अलग से राष्ट्रपति से मिलेगा, जिसके लिए समय की मांग की गई है।’
नागरिकता संशोधन कानून के विरुद्ध देश भर में जारी आन्दोलन व खासकर अलीगढ़ व जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों पर हुई पुलिस बर्बता के सम्बंध में विरोध प्रकट करने व इसकी न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर बीएसपी का संसदीय दल कल अलगसे मा राष्ट्रपति से मिलेगा जिसके लिए समय की मांग की गई है
— Mayawati (@Mayawati) December 16, 2019
नागरिकता संशोधन कानून को उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में भड़की हिंसा और उसे दबाने के लिए जारी दमनात्मक कार्रवाई की भर्त्सना करते हुए बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने जामिया व अलीगढ़ यूनीवर्सिटी के छात्रों पर पुलिस लाठीचार्ज को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और हिंसक वारदातों की न्यायिक जांच कराने की मांग की।
हिसंक वारदातों के मूल दोषियों को किसी भी कीमत पर नहीं बचने देना चाहिए
मायावती ने कहा कि पूरे देश खासकर असम व पूर्वाेत्तर राज्यों, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, बिहार और उप्र में लगातार उग्रता बढ़ते जाना चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी दिल्ली में कानून व्यवस्था के बिगड़े हालात को लेकर नाराजगी जता चुकी है। हिसंक वारदातों के मूल दोषियों को किसी भी कीमत पर नहीं बचने देना चाहिए वरना यह आग पूरे देश खासकर शिक्षण संस्थाओं में बुरी तरह फैल सकती है।
आंदोलनकारियों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने पर सरकार को पुनर्विचार करे
बसपा प्रमुख का कहना है कि नए कानून को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। आंदोलनकारियों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने पर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए, क्योंकि अनुचित सरकार कार्रवाई से लोगों में गुस्सा और भी बढ़ रहा है।