कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन को सात महीने से ऊपर हो चुका है, कई बार विवाद होने के बावजूद किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को ऐलान किया है कि मॉनसून सत्र के दौरान किसानों का एक संगठन संसद के बाहर प्रदर्शन करेगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि कानूनों के खिलाफ रोज करीब 200 किसानों का एक समूह संसद के बाहर बैठ कर प्रदर्शन करेगा।
मोर्चा ने विपक्षी सांसदों को भी चेतावनी दी है कि सदन के भीतर या तो हमारी आवाज उठाइए या फिर इस्तीफा दे दें। भारतीय किसान यूनियन ने भी बीते दिन सरकार पर आरोप लगाया था कि धर्म और जाति के नाम पर समाज को लड़ाने का काम कर रही है।
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, ‘हम विपक्षी सांसदों से भी 17 जुलाई को सदन के अंदर हर दिन इस मुद्दे को उठाने के लिए कहेंगे, जबकि हम विरोध में बाहर बैठेंगे। हम उनसे कहेंगे कि संसद से बहिर्गमन कर केंद्र को लाभ न पहुंचाएं। जब तक सरकार इस मुद्दे का समाधान नहीं करती तब तक सत्र को नहीं चलने दें।’
राजेवाल ने कहा, ‘आपके पास जो भी वाहन है, ट्रैक्टर, ट्रॉली, कार, स्कूटर, बस उसे निकटतम राज्य या राष्ट्रीय राजमार्ग पर लाएं और वहां पार्क करें। लेकिन ट्रैफिक जाम न लगाएं। किसान नेता ने लोगों से रात 12 बजे आठ मिनट के लिए अपने वाहनों का हॉर्न बजाने की भी अपील की। उन्होंने विरोध में एलपीजी सिलेंडर लाने को भी कहा। किसान नेता ने कहा, ‘मैं सभी महिलाओं से अपने गैस सिलेंडर को सड़कों पर लाने और विरोध का हिस्सा बनने का आह्वान करता हूं।’