कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर न्यायपालिका की छवि धूमिल करने का आरोप लगाते हुए 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। दरअसल खुद से जुड़ी एक याचिका की सुनवाई में उन्होंने जस्टिस कौशिक चंदा को हटाने की मांग की थी, उन्होंने कहा था कि चंदा का भाजपा से संबंध है। कौशिक की एक फोटो सामने आई थी जिसमें वह भाजपा नेताओं के साथ कार्यकर्ता मीटिंग में शामिल थे, टीएमसी ने इसके बाद जमकर हंगामा किया था।
इस हंगामे के बाद जस्टिस चंदा ने स्वयं ही केस से हटने का फैसला कर लिया था जिसके बाद भाजपा के लोगों ने हंगामा किया था। ममता बनर्जी ने नंदीग्राम विधानसभा सीट पर अपने खिलाफ जीते प्रत्याशी शुवेंदु अधिकारी पर रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार एवं धर्म के आधार पर वोट लेने का आरोप लगाया था।
Calcutta High Court imposes a fine of Rs 5 lakhs on West Bengal CM Mamata Banerjee for putting the judiciary in a bad light. The amount will be used for lawyers families who have been affected by COVID19
— ANI (@ANI) July 7, 2021
दरअसल, हुआ ये था कि 2 मई को देश के 4 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे आए थे।
बंगाल में टीएमसी को जीत जरूर मिली थी लेकिन ममता नंदीग्राम सीट पर BJP के शुभेंदु अधिकारी से 1956 वोटों से हार गईं। नतीजे के दिन ही ममता ने वोटों की दोबारा गिनती की मांग की, जिसे चुनाव आयोग ने नहीं माना।
इसके बाद चुनावी नतीजों के खिलाफ ममता कलकत्ता हाईकोर्ट चली गईं। इस याचिका में उन्होंने शुभेंदु अधिकारी पर चुनाव में रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार और धर्म के आधार पर वोट मांगने के आरोप लगाए हैं और चुनाव रद्द करने की मांग की। इस केस की सुनवाई कौशिक चंद की बेंच कर रही थी। इस पर ममता बनर्जी ने उन्हें केस से अलग किए जाने की मांग की थी। उनका कहना था कि कौशिक चंद के बीजेपी से रिश्ते रहे हैं। उनकी इस मांग पर अदालत ने 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।