भारतीय नेताओं, पत्रकारों और कारोबारियों के फोन हैकिंग का एक बड़ा मुद्दा सामने आया है, हालांकि सरकार ने इस बात से इनकार किया है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा दावा किया गया है कि पेगासस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से भारत के लोगों के फोन हैक किए गए थे। इस मुद्दे पर पत्रकार रवीश कुमार ने मोदी सरकार पर तंज कस कहा कि मालिक को अपने गुलामों पर भी शक है। हा हा।
उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा- तो पत्रकारों के फोन सुने जा रहे हैं, रुकिए, उन पत्रकारों के भी सुने जा रहे हैं जो सरकार बहादुर की खुशामद में लगे हैं। उन्होंने लिखा- अगर सारी ऊर्जा इसी सब में लगेगी तभी तो अर्थव्यवस्था का हाल चौपट होगा, आप बेरोजगार होंगे और हिन्दू मुसलमान करेंगे।
उनके फेसबुक पोस्ट पर तमाम यूज़र कमेंट कर रहे हैं। कुछ लोग उनकी इस बात का समर्थन कर रहे हैं वहीं कुछ लोग उन्हें अपनी उर्जा इन बातों में न खत्म करने की सलाह दे रहे हैं। मनोज शर्मा नाम के एक फेसबुक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा कि, ‘अच्छा जी, तो टूलकिट गैंग चाइना से फंडिंग लेकर नक्सली गौतम नवलखा को पहुंचा रहे और सरकार इनपर नजर भी न रखे। पिछली सरकारों में बहुत मलाई चाट ली है चाटुकारों। अब समय है हिसाब चुकता करने का।’
एक फेसबुक यूजर रवीश कुमार के इस पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखते हैं कि दुनिया की कोई सरकार ऐसी नहीं कि जो फोन टेप न कराती हो। सरकार तो छोड़ो, तमाम कंपनियां अपने एम्प्लॉयीज पर निगाह रखने के लिए CCTV कैमरे भी लगवाती हैं। यह देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए आवश्यक है। यदि आप कुछ गलत नहीं कर रहे, चोरी नहीं कर रहे तो रिकॉर्डिंग से कैसा घबराना? कैमरे और फोन टेप के डर का माहौल चोरों में होता है।
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आप चाहें तो एटीएम, मॉल्स, सड़कों पर लगे कैमरों को भी लानत भेज सकते है। यूं चोर की दाढ़ी में तिनका रविश कुमार। अब तो वाक़ई डर का माहौल है। सुधांशु कुमार नाम के यूजर कमेंट करते हुए लिखते हैं कि बहुत चिंताजनक बात है कि आपका नाम नही है इनकी सूची में मतलब अब आपको फिर नये शिरे से काम करना पड़ेगा ताकि कुछ तो ध्यान सरकार आप पर दे लगे रहिये हमारी दुआएं है।