प्रयागराज। प्रयागराज में महाकुंभ को दिव्य, भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसके तहत शहर के प्रमुख मंदिरों को अलौकिक स्वरूप देने के लिए नव्य प्रयोग के रूप में फसाड लाइट (Facade Lights) का काम किया जा रहा है। इसमें कुंभ मेला क्षेत्र के अंदर और बाहर के प्रमुख प्राचीन मंदिरों को शामिल किया गया है।
27 प्रोजेक्ट पर खर्च किये जा रहे 106 करोड़
महाकुंभ में पर्यटन विभाग को 27 प्रोजेक्ट दिए गए हैं। इनकी लागत 106 करोड़ है । इसमें ज्यादातर प्रोजेक्ट पर विभाग के कार्य रफ्तार पकड़ चुके हैं। इसमें एक प्रोजेक्ट मंदिरों में फसाड लाइट (Facade Lights) का भी है। कुंभ मेला क्षेत्र के अंदर और बाहर के सभी प्रमुख मंदिर महाकुंभ में आधुनिक रंगीन फसाड लाइट से जगमगाएंगे। पर्यटन विभाग को इसकी जिम्मेदारी मिली है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि महाकुंभ में आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए शहर के प्रमुख मंदिर और धार्मिक महत्व के स्थानों को विशेष आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए फसाड लाइट (Facade Lights) से सुसज्जित किया जा रहा है। शहर के इन प्रमुख मंदिरों में 924 लाख की लागत से फसाड लाइट (Facade Lights) का कार्य कराया जा रहा है। कुंभ के दौरान शाम होते ही कुंभ मेला क्षेत्र और उसके बाहर शहर के सभी मंदिर रंग-बिरंगी रोशनी से नहा उठेंगे।
इन मंदिरों में होगा फसाड लाइट (Facade Lights) का कार्य
प्रयागराज महाकुंभ के आयोजन के पहले कुंभ क्षेत्र में पड़ने वाले और क्षेत्र के बाहर के पांच प्रमुख प्राचीन मंदिरों में फसाड लाइट (Facade Lights) का कार्य किया जाएगा। प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि इसके लिए टेंडर भी जारी हो चुके हैं। कुंभ क्षेत्र में शंकर विमान मंडपम मंदिर, दारागंज के नागवासुकी मंदिर और दारागंज का ही श्री अलोप शंकरी देवी मंदिर शामिल है।
कुंभ क्षेत्र के बाहर सिविल लाइंस में श्री हनुमंत निकेतन मंदिर और श्रृंगवेरपुर धाम का प्रमुख मंदिर शामिल है। इसमें शंकर विमान मंडपम मंदिर के लिए सबसे अधिक 355 लाख खर्च किए जाएंगे।
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इसके अलावा नागवासुकी मंदिर के लिए 195 लाख, श्री अलोप शंकरी देवी के लिए 166 लाख, श्रृंगवेरपुर के लिए 107 लाख और हनुमंत निकेतन मंदिर सिविल लाइंस के लिए 101 लाख शामिल हैं। इसमें सिविल लाइंस के हनुमंत निकेतन मंदिर में इसकी शुरुआत हो चुकी है। शेष सभी मन्दिरों पर कार्य महाकुंभ के पूर्व पूरा कर लिया जाएगा।