मैनपुरी। आए यूपी पुलिस की शैली को लेकर सवाल उठते रहते हैं, लेकिन आज एक ऐसी खबर आई है। जो पुलिस की वाह-वाही करते नहीं थक रहे हैं। अक्सर पुलिस का नाम आते ही आम आदमी का दिल खौफ से हो जाता है, लेकिन पुलिस ममता देख हर किसी का दिल जरूर भर आएगा।
बेघर 80 वर्षीय बूढ़ी मां की महिला थानाध्यक्ष एकता सिंह बेटी की तरह कर रही हैं सेवा
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले की एक महिला थानाध्यक्ष की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रही है। खाकी वर्दी के नाम पर डरने वालों के लिए यह दरियादिली की तस्वीर चौकानें वाली हो सकती है, मगर 80 वर्षीय बूढ़ी मां के लिए खाकी वर्दी में महिला थानाध्यक्ष एकता सिंह उनकी बेटी की तरह सेवा कर रही हैं।
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एकता अपनी ड्यूटी के साथ-साथ बूढ़ी मां की भी कर रही हैं सेवा
बता दें कि लावारिस हालत में मिली बूढ़ी मां को महिला थानाध्यक्ष एकता सिंह ने पहले थाने में लाकर नहलाया। इसके बाद कपड़े पहनाए और अच्छा सा भोजन कराया। इतना ही नहीं जेब खर्चे के लिए कुछ पैसे भी दिए हैं। एकता अपनी ड्यूटी के साथ-साथ बूढ़ी मां की सेवा भी कर रही हैं।
कलियुगी बेटे ने मां को घर से निकाला
80 वर्षीय राम कुमारी के तीन बेटे हैं। राम कुमारी मैनपुरी के ग्राम भनऊ की रहने वाली हैं। इनके पति का स्वर्गवास हो चुका है। इनका एक बेटा फिलहाल जेल में बंद है और दो बेटे घर में खेती-बाड़ी करते हैं। दोनों की शादी हो चुकी है, लेकिन मां को दो वक्त की रोटी खिलाने के लिए इन बेटों के पास अनाज नहीं है। बीच वाले बेटे की पत्नी बुजुर्ग मां के साथ मारपीट करती है। बूढ़ी मां की वजह से घर में आए दिन झगड़ा होता है।
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मां की पूरी बात को सुन रही एकता सिंह की यह तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं और खूब सुर्खियां बटोरी
इन्हीं वजहों से कई बार बेटों ने अपनी मां को वृद्धाश्रम में भी छोड़ दिया था, लेकिन वह मां है आखिरकार मन नहीं माना और बच्चों के बगैर नहीं रह पाईं। फिर से अपने गांव बनाऊ वापस चली आईं। बेटों की पत्नियों ने बूढ़ी मां को गंदी- गंदी गालियां दी। इस बात को राम कुमारी बर्दाश्त नहीं कर पाई और स्वतः ही घर छोड़कर चली गयीं। महिला थानाध्यक्ष को सूचना मिली कि एक बूढ़ी मां बस स्टैंड पर बैठी हुई हैं। महिला थानाध्यक्ष एकता सिंह अपनी गाड़ी लेकर पहुंची और बुजुर्ग को गाड़ी में बैठाकर थाने में लाई। इसके बाद बुजुर्ग को नहलाया और अपने हाथों से खाना खिलाया। उस मां की पूरी बात को सुन रही एकता सिंह की यह तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं और खूब सुर्खियां बटोर रही हैं।
मैं भीख मांग कर गुजारा कर लूंगी, लेकिन अपनी वजह से परिवार में कोई भी झगड़ा नहीं चाहती
80 वर्षीय बूढ़ी मां रोते-रोते महिला थानाध्यक्ष को बताती हैं कि मेरी पुत्र बधू मेरे साथ मारपीट करती है। गंदी-गंदी गालियां देती है। इसी वजह से हमने घर छोड़ दिया है। इस बात की शिकायत अपने बेटों से नहीं की, क्योंकि वो मेरी पुत्र वधू के साथ मारपीट करते। मेरी छोटी सी जिंदगी बची है और अब मैं भीख मांग कर गुजारा कर लूंगी, लेकिन अपनी वजह से परिवार में कोई भी झगड़ा नहीं चाहती हूं। बूढ़ी मां की यह बात सुनकर महिला थानाध्यक्ष एकता सिंह भी भावुक हो गयीं और उन्होंने बूढ़ी मां को जेब खर्चे के लिए 1000 रुपये भी दिए।
थानाध्यक्ष एकता सिंह ने जब कलयुगी पुत्र और पुत्रवधू पर कार्रवाई करने की बात कही तो मां बिलख उठी
थानाध्यक्ष एकता सिंह ने जब कलयुगी पुत्र और पुत्रवधू पर कार्रवाई करने की बात कही तो मां बिलख उठी और थानाध्यक्ष से गुहार लगाने लगी कि मेरे बेटे और बहू पर कोई कार्रवाई मत करना। हम आपके हाथ जोड़ रहे हैं। मेरा छोटा सा जीवन है। चंद दिनों की जिंदगी है। इसे हम भीख मांग कर काट लेंगे, लेकिन अपने बच्चों को कोई कष्ट नहीं देना चाहते हैं। आप भी मेरी बेटी की तरह हो मेरी बात को समझो।