टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने प्रदर्शनकारी किसानों का ‘सिर फोड़ने’ का पुलिस को आदेश देने वाले आईएएस अफसर आयुष सिन्हा की तुलना जूती चाटने वालों से की। उन्होंने एक लहूलुहान प्रदर्शनकारी का फोटो ट्वीट कर लिखा- “अगर आए तो सिर फूटा होना चाहिए उसका। करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा का बयान है।”उन्होंने ट्वीट में आगे लिखा- ऐसे घिनौने जूते चाटने वाले लोगों का नाम लेकर इन्हें शर्मिंदगी महसूस करानी चाहिए।
“Agar aaye toh sar foota hua hona chahiye uska. Clear hai aapko “
– Karnal SDM Ayush Sinha, 2018-batch IAS Haryana cadreName & shame these disgusting bootlickers. Remember Nazi guards at Holocaust camps also claimed thy were doing “duty” pic.twitter.com/lUO1PTnPLd
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) August 29, 2021
उन्होंने लिखा- याद करिए उन नाजी सुरक्षागार्ड्स को जो होलोकॉस्ट कैंप्स पर तैनात थे और दावा किया था कि वे अपनी “ड्यूटी” कर रहे थे।दरअसल, करनाल में किसानों के प्रदर्शन के दौरान ड्यूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर तैनात सिन्हा पुलिसवालों से किसानों का सिर फोड़ने की बात कहते हुए नजर आए थे।
सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘‘किसानों पर निंदनीय हमला हर भारतीय के मूल अधिकारों पर हमला है…जिसे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान असंख्य कुर्बानियों को देकर प्राप्त किया गया। यह संविधान की भावना को प्रभावित एवं बाधित करता है और भारत के लोकतंत्र की रीढ़ को तोड़ता है।’’ नूंह में किसानों की महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता योगेंद्र यादव ने कहा, ‘‘आयुष सिन्हा को तत्काल सेवा से बर्खास्त करना चाहिए।’’
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता शरद पवार ने ट्वीट किया, ‘‘हरियाणा पुलिस द्वारा करनाल के घरोंदा में किसानों पर बर्बर लाठीचार्ज निश्चित तौर पर अवांछित था। किसानों का प्रदर्शन शांतिपूर्ण होने के बावजूद पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज किया, जिसमें कई किसान घायल हो गए।’’ पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भी पुलिस कार्रवाई की निंदा की है।