महाराष्ट्र में भारी बारिश और नदियों में उफान आने से लोग बुरी तरह फंस गए हैं, इस बीच रायगढ़ जिले के महाड में बड़ा हादसा हो गया है। महाड में कुल तीन जगहों पर भूस्खलन हुआ, भूस्खलन होने से कई घर दब गए हैं, जिसमें 36 लोगों की मौत हो गई वहीं 35-40 लोगों की तलाश जारी है। महाड में सावित्री नदी खतरे के निशान से ऊपर बहकर सब कुछ डुबा रही है, महाड और खेड में NDRF और कोस्टगार्ड की मदद ली जा रही थी।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, मलबे के नीचे करीब 80 से 90 लोगों के दबे होने की आशंका है।चिपलूण में अब भी पानी भरा है, हजारों लोग अब भी फंसे हैं रिश्तेदार जो चिपलूण से बाहर हैं, वे मीडिया के जरिए अपनों को बचाने के लिए गुहार लगा रहे।इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रायगढ़ की इस दुर्घटना को लेकर दुख और संताप व्यक्त किया है। साथ ही मृतकों के परिवार वालों के लिए 2-2 लाख रुपए राहत और घायलों के लिए 50-50 हजार की मदद का ऐलान किया है।
पीएमओ द्वारा ट्विट कर इसकी जानकारी दी गई है। ट्विट कर जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने लिखा है कि महाराष्ट्र में अत्यधिक बरसात से उत्पन्न परिस्थिति पर नजर रखी जा रही है और हर संभव सहायता पहुंचाई जा रही है। राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी बरसात से हुई दुर्घटनाओं में मृतकों के परिवार वालों के लिए 5-5 लाख रुपए की मदद की घोषणा की है। इसके अलावा घायलों के मुफ्त उपचार की घोषणा की गई है. मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इस संबंध में जानकारी दी गई।
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ख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस संबंध में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मौसम विभाग ने अत्यधिक बरसात का अनुमान जताया था। लेकिन अब अति वृष्टि की व्याख्या बदलनी होगी। जिस तरह से चट्टान खिसकने की घटनाएं हो रही हैं। ऐसी घटनाएं अति वृष्टि की व्याख्या के अंतर्गत नहीं बल्कि अति से भी ज्यादा वृष्टि के अंतर्गत आती हैं. यह सिर्फ अत्यधिक बरसात नहीं बल्कि अनपेक्षित संकट है। बादल फटने और चट्टान खिसकने की घटनाओं का पहले से अंदाज नहीं लगाया जा सकता. कम से कम समय में अधिक से अधिक बरसात हो रही है। अत्यधिक बरसात की वजह से राहत कार्य को पहुंचाने में दिक्कतें पेश आ रही है।