महंत परमहंस दास ने ताजमहल(Taj Mahal) में भगवान शिव की पूजा करने का एलान
ताजमहल(Taj Mahal) में प्रवेश से रोके जाने का आरोप लगाकर सुर्खियों में आए अयोध्या छावनी के तपस्वी महंत परमहंस दास मंगलवार को फिर आगरा पहुंच गए हैं। उन्होंने ताजमहल में भगवान शिव की पूजा करने का एलान किया है। सुबह करीब 11 बजे महंत परमहंस दास अपने शिष्यों के ताजमहल के लिए रवाना हुए, लेकिन भारी पुलिस फोर्स ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया है। पुलिस कह रही है कि वह उन्हें अपने साथ लेकर ताजमहल जाएगी, लेकिन परमहंस दास अकेले ताजमहल जाने पर अड़े हैं। महंत का कहना है कि ताजमहल तेजोमहालय है। वह वहां पूजा करना चाहते हैं।
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महंत ने लगाया था यह आरोप
इससे पूर्व महंत परमहंस दास 26 अप्रैल को आगरा आए थे। तब उन्हें नियम के विरुद्ध प्रवेश से रोक दिया गया था। इस पर तपस्वी छावनी के महंत जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने भगवा वस्त्र और धर्म दंड की वजह से ताजमहल में प्रवेश से रोके जाने का आरोप लगाया था। यह भी आरोप लगाया कि वहां मौजूद धर्म विशेष के लोगों के इशारे पर ताजमहल की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा बलों ने उनके साथ बदसलूकी की। अनुयायी का मोबाइल छीन कर फोटो और वीडियो डिलीट करने का भी आरोप लगाया था।
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महंत के आरोपों पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षक पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने कहा था कि सुरक्षा जांच में महंत से धर्मदंड को लॉकर में रखने और लौटकर वापस लेने का आग्रह किया गया था, लेकिन उन्होंने स्वीकार नहीं किया। वह तुरंत वापस लौट गए थे। उनके वस्त्रों को लेकर कोई विवाद नहीं था। किसी भी रंग का कपड़ा पहनकर ताज में प्रवेश किया जा सकता है।
धार्मिक और प्रमोशनल गतिविधि हैं प्रतिबंधित
नियम के अनुसार ताजमहल(Taj Mahal) के अंदर किसी भी प्रकार की धार्मिक और प्रमोशनल गतिविधि नहीं की जा सकती है। केवल शुक्रवार के दिन और ईद पर ही यहां स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ी जाती है। शाहजहां के उर्स के तीन दिनों के दौरान यहां इबादत का दौर चलता है। मंगलवार को ईद पर दो घंटे के लिए प्रवेश निशुल्क रहा। सुबह साढ़े आठ बजे ताजमहल का शाही मस्जिद में मुस्लिम समाज के लोगों ने नमाज अदा की।