कोरोना महामारी के बीच आम लोगों को महंगाई से राहत मिलती नजर नहीं आ रही है, पेट्रोलियम कंपनियों ने रसोई गैस के दाम में 25 रुपए का इजाफा किया है। दिल्ली में जो रसोई गैस सिलेंडर पहले 834 रुपए का मिलता था वह अब 859.5 रुपए का मिलेगा, इसके पहले पिछले महीने भी 25 रुपए का इजाफा हुआ था। बंगाल में रेट बढ़ते ही रसोई गैस की कीमत 886 रुपए हो गई, वहीं यूपी में एक गैस सिलेंडर के लिए सबसे अधिक 896.5 रुपए देने होंगे।
इस साल की शुरुआत में गैस के दाम 696 रुपए थे, नवंबर 2020 में इसके भाव 600 रुपए से भी कम थे लेकिन उसके बाद लगातार दाम बढ़ाए जा रहे हैं। तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था सर्दी है इसलिए रेट अधिक है, आगे कम हो जाएगा, लेकिन गर्मी में भी भाव में आग लगी रही।
उदयपुर में कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत लगातार दूसरे महीने 72.5 रुपए की बढ़ोतरी हुई। जिसके बाद प्रति सिलेंडर कीमत इजाफे के साथ 1704 रुपए हो गई। ऐसे में जिलेभर में हो रही के 15 से 20 हजार कमर्शियल सिलेंडर की खपत अब महंगाई पर असर दिखाने लगी है। हालांकि पिछले कुछ वक्त से घरेलू सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। लेकिन इस पर सब्सिडी कम होने का असर भी काफी हुआ है। दो महीने से शहरी क्षेत्रों में भी गैस सिलेंडर की बिक्री 100 फीसदी तक नहीं पहुंची है।
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गैस डिस्ट्रीब्यूटर सुशील बापना का कहना है कि कनेक्शन पर गैस महंगे होने का सीधा असर पड़ा है। ग्रामीण क्षेत्रों में 20 फीसदी तक गिरावट आई है। जिले में 40 से 45 डिस्ट्रीब्यूटर हैं और प्रति माह करीब 3.60 लाख से 4 लाख औसतन सिलेंडर की खपत है।वहीं ग्रहणी रेशम का कहना है कि महामारी के दौर में महंगाई के बोझ ने परेशान कर दिया है। पेट्रोल डीजल के साथ अब रसोई गैस की कीमत भी आसमान छूने लगी है। जिसकी वजह से घर का बजट पूरी तरह बिगड़ गया है। ऐसे में अब घर में भी सोच समझकर गैस चालू करनी पड़ रही है।