हिंदी पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को महालक्ष्मी का व्रत (Mahalakshmi fast ) होता है। इस वर्ष महालक्ष्मी का व्रत (Mahalakshmi fast ) आज 25 अगस्त दिन मंगलवार से प्रारंभ हो रहा है। धन-संपदा और समृद्धि की देवी माता महालक्ष्मी की पूजा (Mahalakshmi fast ) भाद्रपद शुक्ल अष्टमी से प्रारंभ होकर 16 दिनों तक आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तक होती है।
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महालक्ष्मी का व्रत (Mahalakshmi fast ) गणेश चतुर्थी के चार दिन बाद से प्रारंभ होती है। जो लोग 16 दिनों तक महालक्ष्मी का व्रत (Mahalakshmi fast ) नहीं रख पाते हैं, वे पहले और आखिरी दिन महालक्ष्मी व्रत रखते हैं। आइए जानते हैं महालक्ष्मी व्रत, पूजा मुहूर्त और महत्व के बारे में।
महालक्ष्मी व्रत मुहूर्त: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 25 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से हो रहा है, जो 26 अगस्त को सुबह 10 बजकर 39 मिनट तक है।
भाद्रपद शुक्ल अष्टमी को महालक्ष्मी व्रत होता है, इस दिन राधा अष्टमी यानी राधा जयंती भी मनाई जाती है। अष्टमी के दिन प्रारंभ होने वाला महालक्ष्मी व्रत अत्यंत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस दिन दूर्वा अष्टमी व्रत भी होता है।
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दूर्वा अष्टमी के दिन दूर्वा घास की पूजा की जाती है। महालक्ष्मी व्रत धन, ऐश्वर्य, समृद्धि और संपदा की प्रात्ति के लिए किया जाता है। इस दिन लोग धन-संपदा की देवी माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं।