लखनऊ: देवों के देव महादेव का पावन महीना सावन (Sawan) आज से शुरू हो चूका है। ये सावन का महीना आज 14 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा। यह माह भगवान शिव (Lord Shiva) को बहुत ही प्रिय महीना है। इस माह में विशेषकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है। श्रावण मास में देशभर के शिव मंदिरों में भक्त अपने भगवान महादेव की पूजा करने और उनका जलाभिषेक करने के लिए आते हैं।
शिवपुराण की कथा के मुताबिक, जब समुद्र मंथन हुआ था, तब उसमें से सबसे पहले विष निकला और विष की वजह से पूरे संसार पर संकट छा गया क्योंकि वह देव, मनुष्य, पशु-पक्षी आदि सभी के जीवन के लिए हानिकारक था। अब समस्या यह थी कि उस विष का क्या होगा? इस संकट का क्या हल है? तब देवों के देव महादेव ने पूरी सृष्टि को इस संकट से बचाने के लिए पूरे विष को पीना शुरु कर दिया, उसी समय माता पार्वती ने उस विष को भगवान शिव के कंठ में ही रोक दिया। इस वजह से वह विष शिव जी के कंठ में ही रूक गया और शरीर में नहीं फैला। विष के कारण शिव जी का कंठ नीला हो गया, जिस वजह से शिव जी को नीलकंठ भी कहते हैं।
भगवान शिव पर विष का प्रभाव न हो, इसके लिए सभी देवों ने उनका जलाभिषेक किया। इस वजह से शिव जी अतिप्रसन्न हुए और यह घटना सावन माह में हुई थी। इसलिए हर साल सावन माह में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक होता है, ताकि वे प्रसन्न हों और उनकी कृपा प्राप्त हो।
इन वजहों से शिव जी को प्रिय है सावन
1. माता पार्वती ने भगवान शिव को पति स्वरूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। सावन माह में भगवान शिव उनकी तपस्या से प्रसन्न हुए थे और उनकी मनोकामना पूर्ण की थी। सावन माह में शिव और पार्वती का मिलन हुआ था, इस वजह से सावन शिव जी को प्रिय है।
2. विवाह के बाद भगवान शिव पहली बार ससुराल गए थे और उस समय सावन माह था और वहां पर उनका स्वागत किया गया। उनका जलाभिषेक हुआ, जिससे वे बहुत खुश हुए।
शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती सावन में पृथ्वी पर निवास करते हैं। इस वजह से भक्त उनकी पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं।