Maha Kumbh

सनातन के ध्वज वाहक अखाड़ों में नारी सशक्तीकरण का साक्षी बन रहा है प्रयागराज महाकुम्भ

33 0

महाकुम्भ नगर। सनातन की शक्ति है महाकुम्भ (Maha Kumbh) का श्रृंगार कहे जाने वाले 13 अखाड़े। महाकुम्भ के मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के पहले अखाड़ों में फिर सनातन की ध्वजा फहराने की तैयारी हो रही है। बड़ी संख्या में अखाड़ों में नव प्रवेशी साधुओं को दीक्षा देने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसमें भी नारी शक्ति की भागीदारी भी तेजी से बढ़ी है।

नारी सशक्तीकरण का साक्षी बन रहा है महाकुम्भ (Maha Kumbh) 

प्रयागराज महाकुम्भ (Maha Kumbh) नारी सशक्तीकरण को लेकर भी नया इतिहास लिखने जा रहा है। महाकुम्भ में मातृ शक्ति ने अखाड़ों से जुड़ने में गहरी रुचि दिखाई है। इसके परिणाम स्वरूप प्रयागराज महाकुम्भ सबसे अधिक महिला संन्यासियों की दीक्षा का इतिहास लिखने जा रहा है।

संयासिनी श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की महिला संत दिव्या गिरी बताती हैं कि इस बार महाकुम्भ (Maha Kumbh) में अकेले श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के अंतर्गत 200 से अधिक महिलाओं की संन्यास दीक्षा होगी। सभी अखाड़ों को अगर शामिल कर लिया जाय तो यह संख्या 1000 का आंकड़ा पार कर जाएगी। संन्यासी श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े में इसे लेकर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चल रही है। आगामी 27 जनवरी को संन्यास दीक्षा का अनुष्ठान संभावित है।

उच्च शिक्षित महिलाओं ने दिखाई सबसे अधिक रुचि

सनातन धर्म में वैराग्य या संन्यास के कई कारण बताए गए हैं जिनकी वजह से गृहस्थ या आम इंसान वैराग्य में प्रवेश करता है। परिवार में कोई दुर्घटना, या आकस्मिक सांसारिकता से मोह भंग या फिर अध्यात्म अनुभूति इसके कारण हो सकते हैं। महिला संत दिव्या गिरी बताती हैं कि इस बार जो महिलाएं दीक्षा संस्कार ले रही हैं उसमें उच्च शिक्षा प्राप्त नारियों की संख्या अधिक है जो आध्यात्मिक अनुभूति के लिए संस्कार दीक्षित हो संन्यासी बनेंगी।

गुजरात के राजकोट से आई राधेनंद भारती इस महाकुम्भ में संस्कार की दीक्षा लेंगी। राधेनंद इस समय गुजरात की कालिदास रामटेक यूनिवर्सिटी से संस्कृत में पीएचडी कर रही हैं। राधे नंद भारती बताती हैं कि उनके पिता बिजनेस मैन थे। घर में सब कुछ था लेकिन आध्यात्मिक अनुभूति के लिए उन्होंने घर छोड़कर संन्यास लेने का फैसला किया। पिछले बारह साल से वह गुरु की सेवा में हैं।

जूना अखाड़े ने मातृ शक्ति को दी नई पहचान

अखाड़े में नारी शक्ति को पहचान दिलाने में श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा आगे है। महाकुम्भ के पहले जूना अखाड़े की संतो के संगठन माई बाड़ा को नया सम्मानित नाम दिया गया संन्यासिनी श्री पंच दशनाम जूना। आधी आबादी के इस प्रस्ताव पर अब मुहर लगा दी गई है।

महिला संत दिव्या गिरी बताती हैं कि महिला संतों ने संरक्षक महंत हरि गिरि से इसकी मांग की गई थी। उन्होंने महिला संतों से ही नए नाम का प्रस्ताव देने के लिए कहा था। महंत हरि गिरि ने इसे स्वीकार कर लिया है। इस बार मेला क्षेत्र में इनका शिविर दशनाम संन्यासिनी श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के नाम से ही लगाया गया है।

Related Post

UP GIS

एरिस्ट्रोकेट,ब्यूरोक्रेट,टेक्नोक्रेट के साथ से जीआईएस की सिद्ध होगी सार्थकता- धर्मपाल सिंह

Posted by - February 11, 2023 0
लखनऊ। उत्तरप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स सम्मिट (GIS) के दूसरे दिन सेक्टोरल सेशंस के दौर में समाज कल्याण विभाग,उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा ‘अफर्मेटिव…
CM Yogi

पीएम करेंगे श्री कल्कि धाम का शिलान्यास, सीएम योगी ने परखी तैयारियां

Posted by - February 12, 2024 0
संभल । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) सोमवार को एक दिवसीय दौरे पर संभल पहुंचे। यहां उन्होंने ऐंचोड़ा कंबोह में…
AK Sharma

उप्र सरकार राज्य में स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए संकल्पित: एके शर्मा

Posted by - August 1, 2023 0
लखनऊ। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन…