भोपाल। मध्यप्रदेश में सियासी संकट के बीच बागी हुए 22 कांग्रेसी विधायकों में छह के इस्तीफे शनिवार को स्वीकार कर लिए गए हैं। हालांकि सभी 22 विधायकों ने अपने इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति को भेजे थे। मगर उन्होंने यह तर्क देते हुए इन इस्तीफों को अस्वीकार कर दिया कि उन्हें खुद अध्यक्ष के सामने हाजिर होकर अपना पक्ष रखना होगा।
मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के इन बागी विधायकों का इस्तीफा किया स्वीकार
मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायक गोविन्द राजपूत, इमरती देवी, तुलसी सिलावट, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रभुराम चौधरी और प्रद्युम्न सिंह तोमर के इस्तीफे स्वीकार किए हैं।
ये विधायक अपने त्यागपत्र की पुष्टि के लिए शनिवार को भी विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश नहीं हुए
इससे पहले मध्य प्रदेश कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले ये विधायक अपने त्यागपत्र की पुष्टि के लिए शनिवार को भी विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश नहीं हुए। जबकि अध्यक्ष ने इन्हें खुद हाजिर होने के लिए नोटिस जारी किए थे। विधानसभा अध्यक्ष प्रजापति ने कहा, ‘रंग पंचमी होने के बावजूद भी मैंने उनके लिए समय निर्धारित किया। शुक्रवार के सात और शनिवार के छह विधायकों समेत कुल 13 विधायकों को आना था। मगर वे नहीं आए। उन्होंने आगे कहा कि विधायकों के कुछ मुद्दे जरूर हैं। जो कागज मुझे मिले हैं, उन्हें लेकर मैं विधायकों को रखने या हटाने पर विचार कर रहा हूं।
विधायकों ने सुरक्षा की मांग की
कांग्रेस के बागी विधायकों ने शनिवार को राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र भेजकर सुरक्षा की भी मांग की है। कांग्रेस के 22 बागी विधायकों में से 19 विधायक बंगलूरू में हैं और सुरक्षा कारणों से वे वापस नहीं आ रहे हैं। शुक्रवार को बंगलूरू से कांग्रेस के इन विधायकों को भोपाल आना था। विधायक बेंगलुरु हवाई अड्डे पर पहुंच भी गए थे, लेकिन सुरक्षा कारणों के चलते आखिरी क्षणों में उनका भोपाल आने का कार्यक्रम रद्द हो गया।