नई दिल्ली। लॉकडाउन में फंसे अपने जिगर के टुकड़े को घर लाने के लिए एक मां ने स्कूटी से 1400 किलोमीटर सफर किया है। बुलंद हौंसले से मां ने अपने बेटे को तीन दिन में घर वापस लेकर आई है। यह वाकया तेलंगाना के निजामाबाद का है।
50 साल की रजिया बेगम सोमवार की सुबह स्थानीय पुलिस की परमिशन लेकर सोलो राइड के लिए आंध्रप्रदेश के नेल्लौर के लिए निकलीं
बता दें कि तेलंगाना के निजामाबाद जिले में रहने वाली 50 साल की रजिया बेगम सोमवार की सुबह स्थानीय पुलिस की परमिशन लेकर सोलो राइड के लिए आंध्रप्रदेश के नेल्लौर के लिए निकलीं, जो करीब 700 किलोमीटर दूर है। हाइवे की सूनी सड़कों पर स्कूटी दौड़ाते हुए नेल्लौर पहुंची और फिर वहां से अपने बेटे को पीछे बैठाकर बुधवार शाम को निजामाबाद जिले में अपने घर वापस पहुंचीं है। इस तरह इस पूरी यात्रा में उन्होंने 1400 किलोमीटर की दूरी तय की है। वह भी तीन दिन में यानी करीब 470 किलोमीटर प्रतिदिन स्कूटी चलाया है।
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मां ने लॉकडाउन में ऐसे किया हिम्मत भरा काम, प्रतिदिन 470 किलोमीटर स्कूटी चलाया
रजिया बेगम ने बताया कि टू-व्हीलर से यह एक कठिन यात्रा थी, लेकिन बेटे को लाने के दृढ़ निश्चय ने सारे डर को खत्म कर दिया। रात को जरूर डर लगा जब सड़क पर न तो कोई इंसान और न ही ट्रैफिक का मूवमेंट था। रजिया बेगम निजामाबाद जिले में बोधन कस्बे के एक सरकारी स्कूल में हेडमिस्ट्रेस हैं, जो हैदराबाद से 200 किलोमीटर दूर है। रजिया के पति 15 साल पहले ही गुजर चुके हैं। उनका बेटा 17 साल का निजामुद्दीन में था जो एमबीबीएस के लिए तैयारी कर रहा है।
Telangana: Razia Begum from Bodhan, Nizamabad rode around 1,400 km on a 2-wheeler to Nellore in Andhra Pradesh, to bring back her son who was stranded there. She says, "I explained my situation to Bodhan ACP & he gave me a letter of permission to travel". (9.4.20) #CoronaLockdown pic.twitter.com/JHfRbdjOa1
— ANI (@ANI) April 10, 2020
रजिया बेगम, अपने छोटे बेटे निजामुद्दीन को लेने नेल्लौर के रहमताबाद पहुंची थी जहां उसका बेटा फंसा हुआ था। उनका बेटा अपने एक दोस्त को छोड़ने के लिए यहां आया था, लेकिन लॉकडाउन में फंस गया था। रजिया ने पहले अपने बड़े बेटे को रहमताबाद भेजने का सोचा, लेकिन फिर लॉकडाउन की सख्ती की वजह से यह विचार कैंसिल कर दिया। फिर कार से जाने की सोची, लेकिन यह आइडिया भी कैंसिल हो गया। अंत में टू-व्हीलर से यह कठिन सफर किया।
रजिया बेगम रोटी खाकर पेट्रोल पंप पर रुककर प्यास बुझाकर फिर आगे चल देतीं थीं
रास्ते में खाने के लिए उन्होंने काफी सारी रोटी पैक करा ली थीं। रास्ते में जब प्यास लगती थी तो पेट्रोल पंप पर रुककर प्यास बुझाकर फिर आगे चल देतीं थीं। इस तरह तीन दिन में 1400 किलोमीटर की ड्राइविंग कर 50 साल की रजिया बेगम लॉकडाउन में फंसे अपने बेटे को वापस लाईं।