नई दिल्ली। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मंगलवार को राज्य के बाजारों में बेची जा रही लीची के प्रयोगशाला परीक्षण का आदेश दिया है। सरकार ने यह कार्रवाई इस रिपोर्टें के आधार पर की है कि लीची की खपत AES के फैलने के पीछे एक कारक थी। बिहार का मुज़फ़्फ़रपुर ज़िला राज्य का सबसे बड़ा इलाका है जहां तीव्र इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) के कारण अब तक 100 से अधिक बच्चों की मौत हो गई है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री नबा दास ने लीची के प्रयोगशाला परीक्षण के लिए निर्देश जारी किये
राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री नबा दास ने लीची के प्रयोगशाला परीक्षण के लिए निर्देश जारी किये हैं। एक अधिकारी ने बताया कि नबा दास ने खाद्य सुरक्षा आयुक्त को बाजार में बेची जा रही लीची के नमूने एकत्र करने और परीक्षण करने के लिए कहा है।
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2016 में ओडिशा के आदिवासी बहुल मलकानगिरी जिले में AES के प्रभाव से 90 बच्चों की मौत की सूचना मिली थी
मंत्री ने आगे निर्देश दिए हैं कि मानव स्वास्थ्य पर इसके नकारात्मक प्रभाव को ध्यान में रखते हुए जहरीले पदार्थ का पता लगाने के लिए बाजार पहुंचने से पहले लीची को प्रयोगशाला परीक्षण से गुजरना चाहिए। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि 2016 में ओडिशा के आदिवासी बहुल मलकानगिरी जिले में AES के प्रभाव से 90 बच्चों की मौत की सूचना मिली थी।