राजधानी लखनऊ में नगर निगम (Lucknow Municipal Corporation) ने दो नए हरित शवदाह गृह शुरू किए हैं ताकि लोगों को मरीजों की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार में होने वाली परेशानी से छुटकारा मिल सके।
वायु प्रदूषण पर लगेगी रोकथाम
महापौर संहिता भाटिया ने बताया कि हरित शव दाह गृह के प्रयोग से वायु प्रदूषण पर रोक लगेगी। इसके साथ ही लकड़ी की कम खपत होने से पेड़ों को भी सुरक्षा मिलेगी। इसमें चिमनी द्वारा धुआं साफ होकर ही ऊपर जाएगा। साथ ही इसमें समय की भी बचत होगी 3 घंटे में अंत्येष्टि संस्कार संपन्न हो जाएगा और राख नीचे इकट्ठी हो जाएगी। ऐसे में अगले दिन के लिए इंतजार नहीं करना होगा।
नगर निगम ने चलाया अभियान
राजधानी में लगातार बढ़ रहे संक्रमण को रोकने के लिए नगर निगम की टीम ने अभियान चलाया। इस अभियान के तहत मास्क ना लगाने वालों से जुर्माना भी वसूला गया। इस अभियान के तहत नगर निगम ने 27,500 रुपये का जुर्माना वसूला. लोगों को मास्क लगाने के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की भी अपील की गई।
राजधानी लखनऊ में घाटों पर लगातार बड़ी संख्या में शव पहुंच रहे हैं। इन घाटों पर लोगों को अंतिम संस्कार के लिए लाइन लगानी पड़ रही है। हालात इतने बदतर हैं कि यहां पर टोकन भी बांटे जा रहे हैं। ऐसे में नगर निगम ने भैंसा कुंड स्थित बैकुंठ धाम पर दो नए हरित शव दाह गृह जनता को समर्पित किए, जिससे यहां लगने वाली लाइन से निजात मिल सके।