स्थिति इतनी भयावह है कि इन घाटों पर लोगों को अंतिम संस्कार करने के लिए 12 घंटे तक लाइन में लगना पड़ रहा है। इसके साथ ही इन लोगों को टोकन भी दिया जा रहा है। ऐसे में इस परिस्थिति से निपटने के लिए नगर निगम इन घाटों पर अतिरिक्त प्लेटफार्म का निर्माण करा रहा है ताकि अंतिम संस्कार को लेकर यहां आने वाले लोगों को परेशानी न हो।
भैसा कुंड व गुलाला घाट पर होता है शवदाह
राजधानी लखनऊ के भैसा कुंड व गुलाला घाट पर शवदाह किया जाता है। विगत एक सप्ताह से इन घाटों पर अंतिम संस्कार कराने के लिए आने वाले लोगों को लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है। यहां टोकन बांटे जा रहे हैं। नगर निगम ( lucknow municipal corporation) इस मामले को गंभीरता से ले रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए भैंसा कुंड पर अतिरिक्त प्लेटफार्म का निर्माण कराया जा रहा है।
क्या कहते हैं अधिकारी
घाटों पर लगातार बढ़ रही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लखनऊ नगर निगम भैसा कुंड और गुलाला घाट पर 90 प्लेटफार्म का निर्माण करा रहा है। इसमें 20 प्लेटफार्म का निर्माण हो चुका है। बाकी प्लेटफार्म का निर्माण कराया जा रहा है जिसमें से 50 प्लेटफार्म भैसा कुंड पर बनाए जा रहे हैं. 20 प्लेटफॉर्म गुलाला घाट पर बनाए जा रहे हैं।
घाटों पर लगाए गए सैकड़ों कर्मचारी
नगर निगम प्रशासन ( lucknow municipal corporation) ने लगातार श्मशान घाटों पर बढ़ रही भीड़ को ध्यान में रखते हुए 100 कर्मचारियों को तैनात किया है। इन कर्मचारियों में से 50 कर्मचारियों को सुबह वह 50 कर्मचारियों को शाम की पाली में तैनात किया है। साथ ही साफ-सफाई के लिए अतिरिक्त कर्मचारी तैनात किए गए हैं।