लखनऊ। राष्ट्रमंडल देशों के भारत क्षेत्र के संसदीय प्रतिनिधियों का तीन दिवसीय सम्मेलन 16 जनवरी से विधानभवन में शुरू हो रहा है। सम्मेलन के लिए प्रतिनिधियों और लोकसभा के अधिकारयों का लखनऊ पहुंच रहे हैं।
राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश सहित करीब 120 प्रतिनिधियों के हिस्सा लेने की उम्मीद
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला बुधवार को लखनऊ पहुंच गए हैं। बुधवार को ही सम्मेलन के सिलसिले में कार्यकारिणी की प्रस्तावित बैठक में हिस्सा लेंगे। इसमें सम्मेलन के एजेंडे को अंतिम रूप दिया जाएगा। राष्ट्रमंडल संसदीय प्रतिनिधि सम्मेलन में राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश सहित करीब 120 प्रतिनिधियों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। सम्मेलन में राष्ट्रमंडल देशों के सभी सात अन्य क्षेत्रीय समितियों के भी दो से तीन संसदीय प्रतिनिधि पर्यवेक्षक के रूप में शामिल होंगे। तीन दिवसीय सम्मेलन में उद्घाटन और समापन सहित छह सत्र प्रस्तावित हैं। जिनमें संसदीय प्रणाली के विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
खासतौर से विधायकों की भूमिका एवं उनकी विधायी कार्यों में रुचि व क्षमता विकास सहित संसदीय व्यवस्था के समक्ष मौजूद अन्य कई प्रश्नों पर विचार-विमर्श करके समाधान तलाशने की कोशिश होगी।
राष्ट्रमंडल संसदीय प्रतिनिधि सम्मेलन उद्घाटन समारोह में ये रहेंगे मौजूद
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बताया कि सम्मेलन की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला करेंगे। राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उद्घाटन सत्र में मौजूद रहेंगे। समापन सत्र में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को बुलाया गया है।
प्रदेश में पहली बार हो रहा है राष्ट्रमंडल संसदीय प्रतिनिधि सम्मेलन
विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने बताया कि प्रदेश में पहली बार राष्ट्रमंडल संसदीय प्रतिनिधि सम्मेलन हो रहा है। सम्मेलन में देश के सभी राज्यों की विधानसभाओं के प्रतिनिधियों के साथ राष्ट्रमंडल देशों की सभी सात अन्य क्षेत्रीय समितियों के दो से तीन संसदीय प्रतिनिधि पर्यवेक्षक के रूप में शामिल होंगे। लोकसभा व राज्यसभा के 25-25 सदस्य भी हिस्सा लेंगे। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी इसमें शामिल होंगे। यह सम्मेलन लोकसभा की तरफ से आयोजित किया गया है।
अयोध्या भी जाएंगे, कई अन्य जगहों पर भी करेंगे भ्रमण
सम्मेलन में शामिल होने आ रहे प्रतिनिधियों को 18 जनवरी को प्रदेश में अयोध्या सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर भ्रमण कराने की योजना है। जानकारी के मुताबिक, ज्यादातर प्रतिनिधियों के अयोध्या ही जाने की संभावना है, लेकिन अगर कोई बिठूर सहित अन्य किसी स्थान का भ्रमण करना चाहेगा तो उसे वहां का भ्रमण कराने की तैयारी है।