कानपुर देहात: कानपुर (Kanpur) के बेकनगंज में हुई हिंसा (Violence) की जांच के लिए लखनऊ (Lucknow) से एनकाउंटर स्पेशलिस्ट IPS अजय पाल शर्मा (IPS Ajay Pal Sharma) को भेजा गया है। शुक्रवार रात अजय पाल कानपुर पहुंच कर अफसरों के साथ बैठक की। इलाके का भ्रमण करके पूरे मामले को समझा। देर रात तक उनकी मॉनीटरिंग में ही आरोपियों के खिलाफ एक ऑपरेशन देर रात में ही शुरू कर दिया।
कानपुर हिंसा (Kanpur violence) मामले में अब तक 3 FIR दर्ज हो चुकी हैं। दो FIR पुलिस ने दर्ज की हैं। एक यतीमखाना के पास चंदेश्वर हाते में रहने वाले लोगों ने दर्ज करवाई है। तनावपूर्ण स्थिति के बीच रात 2 बजे यतीमखाना की सड़क पर पुलिस कमिश्नर और डीएम ने फ्लैग मार्च किया। पुलिस कमिश्नर विजय मीणा ने बताया कि अब तक 40 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हमें अभी तक जो फोटो और वीडियो मिले हैं उसके जरिए उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। 45 नामजद और 1000 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया है।
हिंसा के 24 घंटे पहले की कॉल डिटेल्स खंगाली जा रही
पुलिस का कहना है कि कानपुर हिंसा में कई नेता जांच के दायरे में हैं। नेताओं ने सियासी लाभ लेने की साजिश रची थी। घटना के 24 घंटे पहले की कॉल डिटेल्स कुछ नेताओं की पुलिस खंगाल रही है। बुलडोजर की कार्रवाई के खौफ से गिरफ्तार लोग हिंसा के पीछे की वजह कबूल रहे हैं। उधर, अन्य इलाकों में पुलिस ने सतर्कता बढ़ा दी है। युवाओं के जमावड़े वाली जगह पर कुछ बवाल हुआ तो इसके जिम्मेदार थानेदार होंगे।
कानपुर हिंसा में 1000 अज्ञात लोगों पर FIR, 40 गिरफ्तार
हिंसा में शामिल लोगों की प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चलाया जा सकता है। दरअसल, CM योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर देर रात हाई लेवल मीटिंग के बाद यह आदेश दिया है। 3 जून को बेकनगंज इलाके के यतीमखाना बाजार में जुमे की नमाज के बाद करीब 1,000 लोगों ने 5 घंटे तक उपद्रव किया। पथराव, तोड़फोड़ करते हुए दुकानों को लूट लिया गया। पुलिस को उन्हें रोकने लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।
दंगे के दौरान यहां से करीब 50 किमी दूर कानपुर देहात के परौंख गांव में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मौजूद थे। साथ में, PM नरेंद्र मोदी, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और CM योगी आदित्यनाथ भी थे। बताया जा रहा है कि इस हिंसा की असल कहानी आज से ठीक 9 दिन पहले शुरू हो गई थी।