लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सहारा अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही से मर्च्युरी में रखे महिलाओं के शवों में अदला-बदली हो गई, जिसकी वजह से हिंदू परिवार ने मुस्लिम महिला के शव का दाह संस्कार कर दिया। मामले में खुलासा तब हुआ जब मुस्लिम परिवार शव लेने अस्पताल पहुंचा, यहां उसे हिंदू महिला का शव दिया गया। शव की पहचान सामने आने के बाद मामला पुलिस तक पहुंचा। अब दोनों परिवारों की अस्पताल प्रबंधन से बातचीत चल रही है।
एक ही दिन हुई दोनों महिलाओं की मौत
बता दें कि अलीगंज की 72 वर्षीय इशरत मिर्ज़ा और 78 वर्ष की अर्चना गर्ग बीते कुछ दिनों से सहारा अस्पताल के न्यूरो आईसीयू में भर्ती थीं। 11 फरवरी को न्यूरो आईसीयू में दोनों महिलाओं की मौत हो गई। गर्ग परिवार ने 11 फरवरी को ही अर्चना समझकर इशरत का शव कब्ज़े में ले लिया। इसके बाद गर्ग परिवार ने अर्चना के धोखे में इशरत मिर्ज़ा का दाह संस्कार भी कर दिया और राख़ विसर्जित करने के लिए संगम चले गए।
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मिर्जा परिवार को दिया गया अर्चना का शव तब हुआ खुलासा
उधर अगले दिन 12 फरवरी को मिर्ज़ा परिवार इशरत का शव लेने, जब सहारा अस्पताल की मर्च्युरी पहुंचा तो उन्हें अर्चना का शव दिया गया। जिसे मिर्ज़ा परिवार ने लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद अस्पताल के इस गड़बड़झाले की जानकारी हुई। मिर्ज़ा परिवार ने मामले की शिकायत विभूतिखंड पुलिस को दी। मौके पर पहुंचे इंस्पेक्टर विभूतिखंड, राजीव द्विवेदी ने बताया कि दोनों परिवारों और अस्पताल प्रबंधन में बातचीत चल रही है।