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धर्मस्थलों पर दोबारा न लगने पाएं लाउडस्पीकर, बनाये रखें संवाद: सीएम योगी

cm yogi

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने शुक्रवार को शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों और जोन, मंडल, रेंज व जिला स्तर के अधिकारियों के साथ प्रदेश की कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की। जनसमस्याओं और जनशिकायतों का मेरिट आधारित त्वरित समाधान पर बल देते हुए मुख्यमंत्री  ने कोविड (Covid-19) से बचाव की तैयारियों, शीतलहर में आम जन को अधिकधिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जारी प्रयासों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

◆ राज्य सरकार के सभी लोककल्याणकारी प्रयासों के मूल में आम आदमी की संतुष्टि है। शासन-प्रशासन से जुड़े सभी अधिकारियों/कार्मिकों को इसे समझना चाहिए। आईआरएस/सीएम हेल्पलाइन जनता की समस्याओं के निदान का अच्छा माध्यम बन कर उभरा है। इसके प्रकरण लंबित न रहें। इनकी हर कार्यालय में सतत समीक्षा होनीचाहिए।

◆ थाना दिवस और तहसील दिवस को और प्रभावी बनाया जाना आवश्यक है। यह सुनिश्चित करें कि शिकायतों का निस्तारण अगले थाना/तहसील दिवस से पूर्व जरूर हो जाए। जनसुनवाई की इन तिथियों को व्यापक प्रचार-प्रसार करें। यहां आने वाले मामले कतई लंबित न रहें।

◆ हर स्तर के फील्ड में तैनात अधिकारी अपने तैनाती क्षेत्र में ही रात्रि विश्राम करें। दूसरे क्षेत्र में निवास न करें। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस व्यवस्था के अनुपालन के लिए औचक निरीक्षण किया जाए।

◆ मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान, डीआईओएस, बीएसए, जिला पूर्ति अधिकारी जैसे जनता से सीधा जुड़ाव रखने वाले सभी अधिकारी अपने कार्यालयों में ही आम जन से मिलें, उनकी शिकायतों/समस्याओं को सुनें और मेरिट के आधार पर निस्तारित करें। कैंप कार्यालय की व्यवस्था केवल कार्यालय अवधि के उपरांत अथवा अवकाश के दिनों में ही होनी चाहिए।

◆ जनसुनवाई समाधान प्रणाली (आईआरएस और सीएम हेल्पलाइन) को उपयोगी बनाने के लिए थाना, तहसील और जिला स्तर हो रही कार्यवाही पर शासन से लगातार नजर रखी जा रही है। नवंबर माह में अच्छा कार्य करने वाले जिलाधिकारियों, पुलिस कप्तानों, थानों और तहसीलों से औरों को प्रेरणा लेनी चाहिए, संतोषजनक प्रदर्शंन न करने वाले जिलों, थानों और तहसीलों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने की आवश्यकता है।

◆ प्रदेश में औद्योगीकरण को बढ़ावा देते हुए रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित करने के प्रयासों के क्रम में राज्य सरकार द्वारा हाल ही में अनेक नई इंडस्ट्रियल सेक्टोरल पॉलिसी लाई गई है। जिलाधिकारी गण, जिला उद्योग केंद्र अपने क्षेत्रों में इन नीतियों से उद्यमियों को अवगत कराएं। प्रदेश में स्टार्टअप इको-सिस्टम को बेहतर करने के लिए सभी को प्रयास करना होगा। इंनियरिंग कॉलेज जैसे तकनीकी संस्थानों को इनक्यूबेटर बनाया जा सकता है। अपने क्षेत्रों में ऐसे संस्थानों की पहचान कर सम्बंधित विभाग को अवगत कराएं।

◆ ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दृष्टिगत विगत दिनों बाराबंकी जनपद में एक दिवसीय निवेशक व निर्यातक सम्मेलन आयोजित किया गया था। बाराबंकी के यह प्रयास अन्य जिलों के लिए प्रेरणास्पद है। ऐसे आयोजन अन्य जिलों में भी किए जाने चाहिए।

◆ जिला उद्योग बंधु की बैठकें नियमित रूप से हों। जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान स्वयं इस बैठक में उपस्थित रहें। उद्यमियों की हर समस्या का यथोचित समाधान करें। यदि प्रकरण उच्चस्तर से सम्बंधित है तो तत्काल अवगत कराएं। आवश्यकतानुसार मुख्यमंत्री कार्यालय को भी जानकारी दें। उद्यमियों का एक भी प्रकरण लंबित न रहे। इसे शीर्ष प्राथमिकता दी जाए।

◆ औद्योगीकरण के लिए बेहतर कानून-व्यवस्था और पर्याप्त लैंड बैंक प्राथमिक अनिवार्यता है। प्रदेश की सुदृढ़ कानून-व्यवस्था से दुनियाभर के निवेशक प्रभावित हैं। हमें लैंड बैंक के विस्तार की दिशा में और प्रयास करने की जरूरत है। आपके जिले में उद्योग तभी स्थापित होंगे, जब वहां भूमि की उपलब्धता होगी। ऐसे में लैंड बैंक विस्तार के लिए जिलाधिकारी गण स्वयं रुचि लेकर कार्य करें।

◆ पिछले कुछ दिनों से कई देशों में कोविड के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। यद्यपि प्रदेश में अभी स्थिति पूरी तरह सामान्य है, फिर भी हमें सतर्क-सावधान रहना होगा। हमें अलर्ट रहना होगा। यह समय घबराने का नहीं, सतर्क और सावधान रहने का है। अस्पतालों, बस, रेलवे स्टेशन, बाजारों जैसे भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाए जाने के लिए लोगों को जागरूक करें। पब्लिक एड्रेस सिस्टम को एक्टिव करें।

◆ कोविड प्रबंधन में इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की उपयोगिता का हम सभी ने अनुभव किया है। आइसीसीसी को एक बार फिर से एक्टिव किया जाए। कोविड के बीच अस्पतालों के इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट के लिए बड़े पैमाने पर कार्य किया गया था। हर जिले में आईसीयू, वेंटिलेटर, विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की गई थी। सीएमओ यह सुनिश्चित करें कि सभी अस्पतालों में चिकित्सकीय उपकरणों की क्रियाशीलता, डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित कराएं। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील हों।

◆ अगर कहीं डॉक्टर या पैरामेडिकल स्टाफ की कमी है, तत्काल बताएं। वनरक्षक दवाओं की आपूर्ति चेन सुचारू बनी रहे। जिलाधिकारी स्वयं सारी व्यवस्था का निरीक्षण करें। भारत सरकार के निगरानी में जल्द ही कोविड से बचाव के लिए मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, हमें पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए।

◆ प्रधानमंत्री  के मंत्र “जहां बीमार-वहीं उपचार” की भावना के अनुरूप ग्राम प्रधानों, पार्षदों एएनएम, आशा बहनों, व आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों का सहयोग लिया जाए। कोविड के खिलाफ अब तक की लड़ाई में इन लोगों ने बड़ी भूमिका निभाई है। इस वर्ग को पुनः एक्टिव करें।

◆ कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से विगत दिनों तीन नए कमिश्नरेट सृजित किये गए हैं। अब प्रदेश में 07 कमिश्नरेट संचालित हैं। कमिश्नरेट में सभी डीसीपी के कार्यालय और आवास उनके प्रभार वाले क्षेत्र में ही बनाए जाएं।

◆ कुछ माह पूर्व सहज संवाद के माध्यम से हमने धर्मस्थलों से लाउडस्पीकर हटाये जाने की अभूतपूर्व कार्रवाई सम्पन्न की थी। लोगों ने व्यापक जनहित को प्राथमिकता देते हुए स्वतःस्फूर्त से लाउडस्पीकर हटाये। इसकी पूरे देश में सराहना हुई थी। हाल के दिनों में जनपदीय दौरों के समय मैंने अनुभव किया है कि कुछ जिलों में पुनः यह लाउडस्पीकर लगाए जा रहे हैं। यह स्वीकार्य नहीं है। तत्काल संपर्क-संवाद कर आदर्श स्थिति बनाई जाए।

◆ प्रदेश के किसी भी जनपद में अवैध टैक्सी स्टैंड, बस स्टैंड/रिक्शा स्टैंड संचालित न हों। ऐसे स्टैंड पर अवैध वसूली होने को बढ़ावा देते हैं। यह वसूली समाजविरोधी कार्यों में उपयोग होती है। जहां कहीं भी ऐसी गतिविधियां संचालित हो रही हों, उन्हें तत्काल बंद कराया जाए। टैक्सी स्टैंड के लिए ठेकेदार स्थान निर्धारित करें।

◆ समन्वित प्रयासों से विगत साढ़े पांच वर्ष की अवधि में प्रदेश में महिला एवं बाल अपराध के मामलों में बड़ी गिरावट आई है। ऐसे मामलों में प्रशासन को अतिरिक्त संवेदनशीलता बरतनी होगी। प्रकरणों में अभियोजन को और प्रभावी बनाया जाए।

◆ बेटियों-महिलाओं के साथ छेड़खानी करने वाले शोहदों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई हो। ऐसे शोहदों की पहचान के लिए सक्रियता बढ़ाई जाए। पुलिस बल हर दिन फुट पेट्रोलिंग करें। वरिष्ठ अधिकारी भी फुट पेट्रोलिंग में भाग लें।

◆ प्रदेश में अवैध शराब की निर्माण, क्रय, विक्रय की एक भी घटना घटित न हो, इसके लिए ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है। पुख्ता सूचना जुटाकर अवैध शराब के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की जाए। दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए। नशे के आदि पुलिसकर्मियों को फील्ड की जिम्मेदारी कतई न दी जाए। ऐसे लोगों को चिह्नित कर इनकी सेवाएं समाप्त की जानी चाहिए।

◆ जिलाधिकारी/पुलिस कप्तान स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखें। उनके सुझावों पर ध्यान दें। उनके पत्रों का मेरिट के आधार पर त्वरित निस्तारण किया जाए। शीतलहर के बीच कंबल आदि राहत सामग्री का वितरण स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा ही कराया जाए।

◆ सभी जिलों में रैन बसेरे क्रियाशील होने चाहिए। जिलाधिकारीगण स्वयं रैन बसेरों की व्यवस्था का औचक निरीक्षण करें। जहां आवश्यकता हो सुधार कराएं। शीतलहर के बीच सड़क पर कोई भी व्यक्ति सोता हुआ नजर न आए। हर जरूरतमंद को रैन बसेरे की सुविधा उपलब्ध हो। सभी रैन बसेरों में की साफ-सफाई, सैनीटाइजेशन कराई जाए। रैन बसेरों में बिस्तर आदि के प्रबंध हों।

◆ सड़क दुर्घटना में किसी की असामयिक मृत्यु अत्यंत दुःखद है। शीतलहर के बीच सड़क दुघर्टनाओं की दुःखद सूचना मिल रही है। इसे न्यूनतम करने के लिए मिलकर काम करना होगा। यातायात नियमों के पालन कराने के लिए चालान कोई स्थायी समाधान नहीं है। हमें जागरूकता पर बल देना होगा। बेसिक और माध्यमिक स्कूलों में बच्चों को यातायात नियमों के पालन के लिए विशेष प्रयास किए जाने की जरूरत है। ट्रैफिक नियमों के पालन का संस्कार बच्चों को शुरुआत से ही दी जानी चाहिए।

◆ पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी  की जयंती ‘सुशासन दिवस के रूप में मनाई जाएगी। आज सुशासन की नीति वाली सरकार में बिना भेदभाव सबका साथ सबका विकास हो रहा है। सुशासन दिवस पर लोककल्याणकारी नीतियों से अधिकाधिक लोगों को अवगत कराया जाना चाहिए।

◆ आगामी 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्योहार है। सभी धर्मगुरुओं के साथ संवाद बनाते हुए शांतिपूर्ण माहौल के बीच क्रिसमस आयोजन मनाने की व्यवस्था हो। यह सुनिश्चित किया जाए, कहीं भी धर्मांतरण की घटना न होने पाए।

◆ प्रयागराज में त्रिवेणी तट पर माघमेला की तैयारियां समय से पूर्ण कर ली जाएं। हर श्रद्धालु-हर कल्पवासी अपने व्रत-संकल्प की पूर्ति अपनी आस्था अनुरूप कर सकें, इसके लिए हमें अच्छी व्यवस्था देनी होगी, उनकी जरूरतों का ध्यान रखना होगा। साधु-संतों और कल्पवासियों से संवाद बनाएं। यह आयोजन प्रयागराज कुम्भ 2025 का पूर्वाभ्यास है।

◆ धान खरीद की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है। क्रय केंद्रों पर वेटिंग पीरियड अधिक न होने पाए। खाद की उपलब्धता बनी रहे। नगर विकास, पंचायती राज विभाग द्वारा सभी जिलों में स्वच्छता व सैनीटाइजेशन का विशेष अभियान चलाया जाए।

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