नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 20 राज्यों की 91 सीटों के लिए 66 फीसदी मतदान हुए है। इस पर आयोग ने कहा है कि मतदान प्रतिशत लगभग 2014 के लोकसभा चुनाव के बराबर रहा। शुरुआती तौर पर 2014 की तुलना में मतदान प्रतिशत में गिरावट दिखती है क्योंकि आयोग कई राज्यों के 5 बजे तक का ही मतदाता प्रतिशत दे पाया है।
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आपको बता दें 2014 में चार फीसदी मतदान बढ़ने से भाजपा उन सीटों पर भी जीत हासिल कर पाई थी जहां उसका अबतक कोई सांसद नहीं था। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान छिटपुट हिंसा की घटनाएं घटीं।छत्तीसगढ़ में हिंसा के कुछ मामले आए। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में भी पोलिंग पार्टी पर नक्सलियों ने हमला किया। हालांकि राहत की बात यह रही कि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। चुनाव के दौरान ईवीएम खराब होने के 15 मामले सामने आए।
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जानकारी के मुताबिक आयोग का कहना है कि 0.7 फीसदी ईवीएम बैलेट यूनिट, 0.6 फीसदी ईवीएम कंट्रोल यूनिट और 1.7 वीवीपैट को बदला गया था। 2014 के मुकाबले इस बार दोगुनी रकम यानी 607 करोड़ रुपये को जब्त की गई। 2014 में चार फीसदी मतदान बढ़ा था तब इन 10 राज्यों की 56 सीटों में से भाजपा को नौ सीटों का फायदा हुआ था जबकि कांग्रेस को 37 सीटों का नुकसान झेलना पड़ा था।