होलिका दहन

जानें होलिका दहन की विधि, मुहूर्त और होली की पूजा के बारे में

701 0

नई दिल्ली। होली से पूर्व रात्रि में होलिका दहन किया जाता है। इसके लिए होलाष्टक के प्रारंभ से ही चौक-चौराहों पर होलिका बनानी शुरू हो जाती है। हालांकि कई जगहों पर होलिका दहन से कुछ दिन पूर्व ही होलिका बनाना शुरू होता है। होलिका दहन से आस-पास के वातावरण में नई एवं सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। लोगों के कष्टों का नाश होता है। इस वर्ष होली पर आपको किस प्रकार होलिका दहन करनी चाहिए, उसकी विधि और मुहूर्त क्या है?, इन सबकी जानकारी होनी जरूरी है। आइए बताते हैं कि होलिका की तैयारी कैसे करें?

होलिका पूजन सामग्री

एक लोटा जल, चावल, गन्ध, पुष्प, माला, रोली, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल, गेंहू की बालियां आदि।

होलिका दहन का मुहूर्त

फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाएगा। फाल्गुन पूर्णिमा ति​थि का प्रारंभ नौ मार्च दिन सोमवार को प्रात:काल 03:03 बजे हो रहा है और समापन उसी रात 11:17 बजे होगा। होलिका दहन के लिए मुहूर्त शाम के समय 06:26 बजे से रात 08:52 बजे तक है। इस मुहूर्त में होलिका दहन करना शुभदायी होगा।

होलिका दहन में ध्यान रखने वाली बात

होलिका दहन भद्रा के समय में नहीं करना चाहिए। भद्रा रहित मुहूर्त में ही होलिका दहन शुभ होता है। इसके अलावा चतुर्दशी तिथि, प्रतिपदा एवं सूर्यास्त से पूर्व कभी भी होलिका दहन नहीं करना चाहिए।

होलिका दहन से पूर्व की जाती है पूजा 

होलिका दहन से पूर्व होलिका की पूजा की जाती है। होलिका के पास पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठें। अब सबसे पहले गणेश और गौरी जी की पूजा करें। फिर ‘ओम होलिकायै नम:’ से होलिका का, ‘ओम प्रह्लादाय नम:’ से भक्त प्रह्लाद का और ‘ओम नृसिंहाय नम:’ से भगवान नृसिंह की पूजा करें। इसके बाद बड़गुल्ले की 4 मालाएं लें, एक पितरों के नाम, एक हनुमान जी के लिए, एक शीतला माता के लिए और एक अपने परिवार की होलिका को समर्पित करें।

बारिश न कम कर सकी मथुरा में रावल के हुरिहारों का जोश, जमकर खेली गई लठामार होली

अब होलिका की तीन या सात बार परिक्रमा करते हुए कच्चा सूत लपेट दें। इसके बाद लोटे का जल तथा अन्य पूजा सामग्री होलिका को समर्पित कर दें। धूप, गंध, पुष्प आदि से होलिका की पूजा करें। फिर अपनी मनोकामनाएं कह दें और गलतियों की क्षमा मांग लें।

अब होलिका पूजा के बाद जल से अर्घ्य दें

अब होलिका पूजा के बाद जल से अर्घ्य दें। इसके बाद होलिका दहन मुहूर्त के अनुसार होलिका में अग्नि प्रज्वलित कर दें। होलिका के आग में गेंहू की बालियों को सेंक लें। बाद में उनको खा लें, इससे आप निरोग रहेंगे।

Related Post

CM Bhajanlal

यमुना जल समझौते पर कांग्रेस ने किया गुमराह, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एमओयू हुआ साइनः सीएम भजनलाल

Posted by - March 20, 2024 0
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal) बुधवार को झुंझुनूं-सीकर लोकसभा कलस्टर के साथ कौर कमेटी की बैठक को संबोधित किया।…
CM Dhami

योगी के बाद धामी देश के लोकप्रिय मुख्यमंत्रियों में शुमार, बढ़ी लोकप्रियता

Posted by - August 26, 2024 0
देहरादून। देश के युवा मुख्यमंत्रियों में शुमार पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने एक बार फिर अपनी कार्यकुशलता से देशभर…