नई दिल्ली। साल 2020 का आखिरी चंद्र ग्रहण (lunar eclipse) 30 नवंबर को लगेगा। बता दें कि चंद्रग्रहण के समय पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है। इस स्थिति में पृथ्वी की छाया से चंद्रमा ढंक जाता है।
चंद्रग्रहण (lunar eclipse) को खुली आंखों से देखा जा सकता है। चंद्रग्रहण के बाद अगले महीने यानी दिसंबर में 14 तारीख को सूर्य ग्रहण लगेगा। इन दोनों खगोलीय घटनाओं को भारत के अलावा दुनिया के अन्य देशों में देखा जा सकेगा। इसलिए भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा। हालांकि दुनिया के अन्य हिस्से में चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण लगने से आस्थावान लोग सूतक काल मानकर कोई भी शुभ काम नहीं करते हैं।
चंद्रग्रहण (lunar eclipse) देखने का समय
चंद्रग्रहण 30 नवंबर को ग्रहण दोपहर 1.04 बजे शुरू होगा और 3.13 बजे इसका मध्यकाल होगा, जबकि शाम 5.22 बजे चंद्रग्रहण समाप्त हो जाएगा।
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चंद्रग्रहण इन देशों में देखा जा सकेगा
नवंबर के आखिरी दिन लगने वाले चंद्रग्रहण (lunar eclipse) को एशिया के कुछ देशों के साथ अमेरिका के कुछ हिस्सों में भी देखा जा सकेगा। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में भी ये ग्रहण दिखाई देगा।
चंद्रग्रहण उपच्छाया ग्रहण होगा
बता दें कि साल का यह आखिरी चंद्र ग्रहण दिवाली के ठीक 16 दिन बाद पड़ रहा है। बता दें कि दिवाली अमावस्या के दिन मनाई जाती है। इसके 16 दिन बाद चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। खगोलीय विशेषज्ञों के मुताबिक इस साल 2020 में 6 ग्रहण लगने थे। सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण को मिलाकर अब तक चार ग्रहण लग चुके हैं। इस साल 30 नवंबर को लगने वाला चंद्रग्रहण उपच्छाया ग्रहण होगा।
भारत में लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह चंद्रग्रहण दिखाई नहीं देगा
ज्योतिषविदों का कहना है कि उपच्छाया ग्रहण लगने के चलते सूतककाल मान्य नहीं होगा। ऐसे में भारत में लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह चंद्रग्रहण दिखाई नहीं देगा।
क्या होता है सूतक काल?
ज्योतिविदों के मुताबिक सूर्य या चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतककाल प्रारंभ होता है। इस दौरान आस्थावान लोग कोई शुभ कार्य नहीं करते हैं। ग्रहण समाप्त होने के साथ सूतककाल समाप्त हो जाता है।