जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ प्रमुख एवं लेफ्ट नेता कन्हैया कुमार ने राहुल गांधी और प्रशांत किशोर के साथ मुलाकात की जिसके बाद सियासी चर्चा शुरु हो गई है। ऐसा कहा जा रहा कि कन्हैया कुमार का लेफ्ट मोह भंग हो गया है इसलिए वह अब कांग्रेस के साथ आना चाहते हैं हालांकि इसे कन्हैया कुमार ने खारिज किया। कन्हैया ने कहा, मैं मुख्यधारा की राजनीति में हूं और एक राष्ट्रीय पार्टी का सदस्य हूं, जब आप राजनीति में होते हैं तो कई लोगों से संपर्क होता है। बिहार कांग्रेस के एक नेता की माने तो कन्हैया दो बार राहुल गांधी से मिल चुके हैं, दोनो ही मुलाकात में प्रशांत किशोर उनके साथ थे।
जनवरी में हैदराबाद में सीपीआई की बैठक में उनके खिलाफ अनुशासनहीनता के लिए निंदा प्रस्ताव पारित किया गया जिससे दल बदलने की अटकले तेज हो गई। हालांकि इन अटकलों पर बिहार कांग्रेस का कोई भी नेता कुछ भी खुलकर बोलने से परहेज कर रहा है। बताया जा रहा है कि कई वरिष्ठ नेता कन्हैया की संभावित एंट्री से अपनी वैल्यू कम होने की आशंका जता रहे हैं। बता दें कि इससे पहले कन्हैया कुमार ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेता अशोक चौधरी से मुलाकात भी की थी। उनकी इस मुलाकात की सियासी गलियारों में काफी चर्चा हुई थी। लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकला।
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बता दें कि फरवरी में हैदराबाद में सीपीआई की अहम बैठक हुई थी। इसमें कन्हैया कुमार द्वारा पटना में की गई मारपीट की घटना को लेकर निंदा प्रस्ताव पास किया गया था। बैठक में पार्टी के 110 सदस्य मौजूद थे जिसमें तीन को छोड़कर बाकी सभी ने कन्हैया के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास करने का समर्थन किया था। इस घटनाक्रम के बाद कन्हैया की जदयू नेता से मुलाकात को अहम माना जा रहा है। बता दें कि कन्हैया बेगूसराय के रहने वाले हैं। उन्होंने 2019 में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ बेगूसराय से लोकसभा चुनाव लड़ा था।