मोदी सरकार द्वारा पास किए गए नए कृषि कानून के विरोध में रविवार को ३०० किसान संगठन यूपी के मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत करेंगे। इस महापंचायत में कुल 300 किसान संगठन भागीदारी कर रहे हैं, इतनी भारी भीड़ को देखते हुए यूपी पुसिल सुरक्षा को लेकर अलर्ट पर है। किसानों ने मुजफ्फरनगर में 500 लंगर शुरु किया है, इसके अलावा १०० चिकित्सा शिविर भी लगाए गए हैं जो इलाज करेंगे। राकेश टिकैत ने कहा है कि अगर किसानों को पंचायत स्थल पर आने से रोका गया तो वह बैरियर भी तोड़ सकते हैं, क्योंकि ये कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं है।
अपर पुलिस उपायुक्त ट्रैफिक रईस अख्तर, एसपी संजीव वाजपेई, एसपी शिवराम यादव के साथ सीओ चमन चावड़ा भी मौजूद रहेंगे। गाजीपुर बार्डर पर दूसरे प्रदेशों से भी किसानों के जत्थे पहुंचे। वे भी देर रात या सुबह तक मुजफ्फरनगर महापंचायत में पहुंच जाएंगे। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि पांच सितंबर की महापंचायत को किसान और मजदूर अपनी अस्मिता से जोड़कर देख रहे हैं।
महापंचायत में कितने लोग पहुंचेंगे, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि संख्या की बात छोड़ो, महापंचायत ऐतिहासिक होगी। राकेश टिकैत ने कहा कि उन्होंने “बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं” का संकल्प ले रखा है। वह आंदोलन शुरू होने के बाद अब तक मुजफ्फरनगर की सीमा में नहीं गए। संयुक्त किसान मोर्चा के आदेश पर वह रविवार को मुजफ्फरनगर में बुलाई गई महापंचायत में जरूर पहुंचेंगे, लेकिन अपने घर नहीं जाएंगे।
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राकेश टिकैत सिवाया टोल पहुंच गए हैं। किसानों के वाहनों से दिल्ली-देहरादून हाईवे जाम हो गया है। सैकड़ो वाहनों के साथ राकेश टिकैत मुजफ्फरनगर जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार, महापंचायत 12 बजे के बाद शुरू होगी। राकेश टिकैत ने कहा कि उन्होंने “बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं” का संकल्प ले रखा है। वह आंदोलन शुरू होने के बाद अब तक मुजफ्फरनगर की सीमा में नहीं गए। संयुक्त किसान मोर्चा के आदेश पर वह रविवार को मुजफ्फरनगर में बुलाई गई महापंचायत में जरूर पहुंचेंगे, लेकिन अपने घर नहीं जाएंगे।