पंजाब में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जारी हैं, मोदी सरकार द्वारा पास किया गया कृषि कानून प्रदेश की राजनीति का सबसे मुख्य बिंदु है। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा- अगर कृषि कानून इतना ही अच्छा है तो भाजपा का कोई नेता बिना सुरक्षा सिंघु बॉर्डर जाकर दिखाए। उन्होंने कहा- भाजपा का कोई नेता आंदोलन स्थल पर जाएगा तब उसे पता चल जाएगा कि किसानों का आंदोलन प्रोत्साहित है या फिर स्वाभाविक।
मनीष ने कहा- पंजाब सरकार किसानों के साथ है, मोदी सरकार को भी किसानों के साथ आना चाहिए वरना हालात खराब हो सकते हैं। गौरतलब है कि किसान पिछले करीब सात महीने से दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर बैठे हैं, पिछले पांच महीने से सरकार ने उनसे किसी तरह की बात नहीं की।
मनीष तिवारी के इस तर्क पर प्रभु चावला ने सवाल दागते हुए पूछा कि क्या आप किसान आंदोलन के पीछे खलिस्तानी मूवमेंट एक्टिव होने की शंका जता रहे हैं। इसके जवाब में पूर्व मंत्री ने कहा कि 1972 के बाद से ही पंजाब की शांति और अमन को भंग करने के लिए पाकिस्तान व अन्य दूसरी बाहरी शक्तियां कोशिश करती रही है। जब भी सामाजिक तनाव की स्थिति होती हैं तो इसका फायदा उठाने के लिए राष्ट्रविरोधी शक्तियां एक्टिव हो जाती हैं जो भारत को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
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मनीष तिवारी ने कुछ तथ्यों का हवाला देते हुए कहा कि पिछले नवंबर से लेकर अब तक कितने ड्रोन पाकिस्तान से भारत में भेजे गए हैं। किस तरह के हथियार पाकिस्तान से पंजाब में भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि यह हथियार पंजाब की अमन व शांति बढ़ाने के लिए नहीं आ रहे हैं। इसलिए पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सांसद केंद्र सरकार से विनती कर रहे हैं कि पंजाब की परिस्थितियों तो पहचानिए और इसकी शांति को भंग मत होने दीजिए।